सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 5 अक्टूबर। झूठे केस में फंसा देने एवं फोन पर गाली गलौज कर पुलिसिया धौंस दिखाने की शिकायत पर सरगुजा एसपी ने मामले की जांच कराई और शिकायत प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उक्त आरक्षक ने दो लोगों के साथ गाली गलौज की थी,इनमें से एक को उसने झूठे ड्रग्स के केस में फंसाने की धमकी भी दी थी।
शिकायत के बाद मामले की विभागीय जांच शुरु की गई थी। इस दौरान आरक्षक सीनू को सस्पेंड कर लाइन अटैच कर दिया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी सरगुजा ने आरोपी आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू को सेवा से पृथक कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक़ आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी द्वारा सैय्यद आलम निवासी चोपड़ापारा अंबिकापुर को गाली गलौज कर मारपीट करने तथा झूठे केस में फंसा देने की धमकी देकर अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करना तथा उक्त कृत्य से पु0रे0 के पैरा 64 (2) एवं 64 (4) व सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम के उपनियम (1) के (तीन) का उल्लंघन करना पाया गया।
दूसरे आरोप में आवेदिका रेशमा परवीन एवं आवेदक आयुष सिन्हा को अपने निजी स्वार्थ की सिद्धि के लिए गंदी गालियां एवं धमकी देना तथा रेहान अहमद को दूरभाष पर गाली देकर घोर कदाचरण को प्रदर्शित करना तथा उक्त कृत्य से पु0रे0 के पैरा 64 (2) एवं 64 (4) व सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उप नियम (1) के (तीन) का उल्लंघन करना पाया गया।
उक्त आरोप पर विभागीय जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अंबिकापुर से सम्पन्न कराई गई। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा आरक्षक 88 समीनुल हसन फिरदौसी र.के. अंबिकापुर के विरूद्ध लगाये गये आरोप क्रमांक 01 को पूर्णत: प्रमाणित पाये हैं तथा आरोप क्र. 02 को अंशत: प्रमाणित पाये हैं। अभियोजन प्रदर्श पत्रों एवं अभियोजन साक्षियों के कथनों का बारीकी से अध्ययन पश्चात जांचकर्ता अधिकारी की जांच उपपत्ति से सहमत होकर आरक्षक के विरूद्ध प्रमाणित आरोप के संबंध में उसको अभ्यावेदन जारी कर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। आरोपी आरक्षक द्वारा अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। आरक्षक द्वारा प्रस्तुत जवाब का अवलोकन किया गया। जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया। जांच रिपोर्ट उपरांत सरगुजा एसपी योगेश पटेल ने उक्त आरक्षक को सेवा कार्य से बर्खास्त कर सख्त कार्रवाई की है।