‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 1 फरवरी। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने एक बार फिर संविदा भर्ती पर रोक लगाने, वेतन विसंगति दूर करने समेत 4 सूत्रीय मांगों को लेकर समूचे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल का शंखनाद कर दिया है। इसी तारतम्य में वन कर्मचारी संघ ब्लॉक इकाई केशकाल के सभी कर्मचारी 1 फरवरी से रावणभाठा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। जिसके कारण अनेक विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं वन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार से हमारी ये लड़ाई आर या पार की है। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, हमारी यह हड़ताल जारी रहेगी।
ज्ञात हो कि वन कर्मचारी संघ इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर धरना एवं विरोध प्रदर्शन कर चुका है लेकिन अब तक उनकी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया है। ऐसे में 1 फरवरी से पुन: यह हड़ताल शुरू हुई है। इस बार भी वन कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष चार मुख्य मांगें रखी हैं। जिसमें 180 पदों पर जारी संविदा नियुक्तियों पर रोक लगाने, वनपाल एवं उप वनपाल का वेतनमान बढ़ाने, पुनरीक्षित विभागीय सेटप लागू करने एवं विभागीय सेटप में नियुक्त किये गए वन रक्षकों की वेतनमान बढाए जाने की मांग की गई है।
इस संबंध में वन कर्मचारी संघ के मण्डल अध्यक्ष वासुदेव डहरिया ने बताया कि हम अपनी जायज मांगों को लेकर कई बार हड़ताल कर चुके हैं। लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से हमें केवल आश्वासन देकर हड़ताल स्थगित करवा दिया जाता है। लेकिन इस बार हम ऐसा नहीं होने देंगे। अब सरकार से हमारी आर या पार की लड़ाई है। सरकार जब तक हमारी मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक हमारा यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा। हड़ताल अवधि में कार्यालय और जंगलों में प्रभावित होने वाले सम्पूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष ईश्वर कवची, रतन नेताम, समाराम नेताम, ओकेश दीवान, डी.पी नायक, मोहन नाग, खगेश्वर दीवान, जेसी विश्वकर्मा, सुशीला नेताम, सन्ध्या नाग, शालिनी ध्रुव, फुलेश्वरी नेताम समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।