दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 7 अक्टूबर। संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय ने गीदम के जावंगा स्थित ऑडिटोरियम जिला दंतेवाड़ा एवं बीजापुर के शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में सभी अधिकारियों को बाल-देवो भव और लक्ष्य एक-बस्तर श्रेष्ठ की महत्ता पर जानकारी दी गयी।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मंदिर में हम भगवान की पूजा करते है उसी प्रकार विद्यालय रूपी मंदिर में बच्चे भगवान स्वरूप हैं। हमे इस मंदिर में बच्चों की पूजा अर्चना करना अनिवार्य है। लक्ष्य एक-बस्तर श्रेष्ठ के तहत हमे हमारा लक्ष्य पता होना चाहिये कि सात जिले से बस्तर का अस्तित्व है और बस्तर का विकास ही हमारा लक्ष्य है। अधिगम दक्षता, बोर्ड परीक्षा सुधार, और निरीक्षण जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों को प्रात: 10 बजे पहली मॉनिटरिंग करना है जिससे समय पर उपस्थिति हो सके।
मॉनिटरिंग के दौरान सभी अधिकारियों को निरीक्षण के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया गया। मॉनिटरिंग के समय कम से कम 15 से 20 मिनट तक कक्षा में बैठकर देखे कि शिक्षकों द्वारा सही ढंग से पढ़ाया जा रहा है या नही, शिक्षण तैयारी किया गया है या नही। उन्होंने पुस्तकालय, प्रयोगशाला का नियमित उपयोग, पालक एवं विद्यार्थियों से चर्चा, पाठ्य सहगामी गतिविधियां नियमित रूप से किये जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। साथ ही सभी अधिकारियों को पाक्षिक निरीक्षण प्रतिवेदन जिला कार्यालय के द्वारा संभागीय कार्यालय में भेजा जाना बताया गया। दशहरा पश्चात और दीवाली के पूर्व बच्चों की एक परीक्षा आयोजित कर कमजोर बच्चों में गुणवत्ता सुधार हेतु कार्य करने के लिए निर्देशत किया गया।
बैठक में जिला दंतेवाड़ा, बीजापुर के सभी खंड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य, सहायक परियोजना समन्वयक, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्रोत समन्वयक एवं, संकुल समन्वयक उपस्थित थे।