महासमुन्द

बेसलाइन आंकलन परीक्षा निरस्त, दुबारा शुरू
28-Sep-2021 4:46 PM
बेसलाइन आंकलन परीक्षा निरस्त, दुबारा शुरू

कहा-वर्तमान में कोरोनाकाल की परिस्थिति को देखते हुए ये तर्कसंगत और विश्वसनीय नहीं है

विभाग को शक कि स्कूल बंद के बाद भी 70 फीसदी से ज्यादा अंक कैसे? 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 सितंबर।
लोक शिक्षण संचालनालय नेस्कूल बंद के बाद भी 70 फीसदी से ज्यादा अंक (ए ग्रेड अंक)पाने वाले बच्चों के लिए एक बार फिर से परीक्षा आयोजित करने के निर्देेश दिए हैं। विभाग को शक हो गया है कि शिक्षकों ने कापियां जांचने में लापरवाही की है, इसलिए संचालनालय ने बेसलाइन आंकलन परीक्षा को दोबारा लेने के निर्देश जारी किए हैं। 

निर्देश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि प्रदेशभर में आयोजित आंकलन परीक्षा में 70 फीसदी बच्चे अपने कक्षा स्तर पर हैं। वर्तमान में कोविड काल की परिस्थिति को देखते हुए ये तर्कसंगत और विश्वसनीय नहीं है। यही कारण है कि एक बार फिर से परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है।

बीते 22 सितंबर को लोक शिक्षण संचालनालय ने बेसलाइन आंकलन परीक्षा को निरस्त करते हुए फिर से परीक्षा लेने को कहा है। यही कारण है कि एक बार फिर से शिक्षा विभाग परीक्षा की तैयारियों में जुट गया है, वहीं महीनेभर पहले जिन बच्चों ने परीक्षा दिये, उन्हें दोबारा आंकलन में शामिल होना पड़ेगा। साथ ही शिक्षकों को भी परीक्षा लेने के बाद उनका आंकलन करना होगा। विभागीय आदेश के बाद 25 सितंबर से बेसलाइन सर्वे फिर से शुरू कर लिया गया है। ये 29 सितंबर तक चलेगा।
 इस संबंध में बीआरसी प्रभारी जागेश्वर सिन्हा ने बताया कि बेसलाइन परीक्षा 28 अगस्त से शुरू हुई थी। परीक्षा समाप्त होने के बाद आंकलन भी कर लिया गया था, लेकिन 22 सितंबर को फिर आदेश आया कि दोबारा परीक्षा लेनी है।

विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट आदेश दिया है कि कार्य में लापरवाही न बरतें। परीक्षा के बाद तत्काल 95 प्रतिशत बच्चों के अंकों की प्रविष्टि समय रहते कर लें। 
महामसुंद जिले की बात करें तो जिले में पहली से आठवीं तक के करीब एक लाख 20 हजार 29 बच्चे हैं। इन बच्चों के लिए बेसलाइन आंकलन परीक्षा पूर्व में आयोजित की गई थी। परीक्षा में कुल 1 लाख 3717 बच्चे शामिल हुए थे। इनमें से 78424 बच्चे ए ग्रेड में हैं, यानि इन 76 फीसदी बच्चों का स्तर वर्तमान कक्षा के हिसाब से ही है। लोक शिक्षण संचालनालय को यही आंकड़े चौंका रही है। क्योंकि पिछले दो साल से कोविड-19 संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे। इन बच्चों को ऑनलाइन, मोहल्ला क्लास सहित अन्य माध्यमों से पढ़ाई कराई जा रही थी। ऐसे में क्या सभी बच्चों की पढ़ाई का स्तर इतना बेहतर है कि 70 फीसदी बच्चे ए ग्रेड में हैं

लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी भले ही पहली बार में विद्यार्थियों के नंबर देखकर चौंक गए हैं, लेकिन दोबारा परीक्षा लेने पर उनके नंबर और अधिक आने की उम्मीद है। ऐसा शिक्षा विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञों का कहना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो बेसलाइन आंकलन परीक्षा भले ही दोबारा ली जा रही है, लेकिन उसके प्रश्न पत्रों में फेरबदल नहीं किया गया है। ऐसे में उन्हीं प्रश्नों को विद्यार्थी फिर से हल करेंगे। यदि फिर से प्रश्नों को बदलकर परीक्षा लेते तो आंकलन का सही पता चलता।

बेसलाइन परीक्षा की शुरुआत हो गई है। प्राइमरी व मिडिल के बच्चे परीक्षा दे रहे हैं और 29 सितंबर को परीक्षा समाप्त हो जाएगी। इसके बाद उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। लेकिन इस बार मूल्यांकन की प्रक्रिया को लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने बदल दिया है। संकुल प्रभारी व संकुल समन्वयक एक विद्यालय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच अन्य स्कूल के शिक्षक करेंगे। 

इस बार प्रविष्टि के लिए स्पष्ट आदेश दिया है कि जांच के बाद 5 अक्टूबर तक आंकड़ों की प्रविष्टि पोर्टल पर किया जाना है। कोरोनाकाल में चौपट हुई शिक्षा का स्तर जानने के लिए ही तीन चरणों में आंकलन परीक्षा ली जा रही है। पहला चरण बेसलाइन आंकलन है। इसमें बच्चे कोरोना काल में पढ़ाई से जुडक़र क्या सीख पाए हैं, क्या भूल गए हैं, और अभी तक उन्हें क्या याद है, इसे जानने के लिए ही परीक्षा ली जा रही है।
 

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