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जानिए इससे जुड़ी 6 बड़ी बातें
कोटक महिंद्रा बैंक जल्द इंडसइंड बैंक का अधिग्रहण कर सकता है. इस विलय से कोटक महिंद्रा देश का आठवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. यह बैंकों के लिए अच्छा समय नहीं है. ज्यादातर बड़े बैंक डूबे कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझ रहे हैं.
नई दिल्ली. बीते दिनों से कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक को लेकर खबरों का बाजार गरम है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कोटक महिंद्रा बैंक अगर इंडसइंड बैंक का अधिग्रहण करता है तो यह देश की बड़ी बैंकिंग डील हो सकती है. कोटक मंहिद्रा बैंक के प्रमुख उदय कोटक हैं, जो एशिया के सबसे अमीर बैंकर हैं. कोटक महिंद्रा का आकार बढ़ाने के लिए उदय कोटक छोटे बैंक का विलय करने के बारे में सोच रहे हैं.इस विलय के बाद कोटक बैंक का एसेट 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. इसके और एक्सिस बैंक के बीच फर्क कम हो जाएगा.
(1) दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी मैक्वेरी कैपिटल की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडसइंड बैंक के अधिग्रहण के बाद कोटक की एसेट बुक, लोन बुक और ब्रांच नेटवर्क में क्रमश: 85 फीसदी, 94 फीसदी और 100 फीसदी का इजाफा हो सकता है. इससे इसका आकार विशाल हो जाएगा. अभी कोटक महिंद्रा बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक है.
(2) कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक के मर्जर की खबरों और दूसरी तिमाही में कोटक के अप्रत्याशित मुनाफे के बाद कोटक महिंद्रा बैंक वैल्यू के लिहाज से आईसीआईसीआई बैंक को पीछे छोड़ते हुए देश के दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक बन गया है. इस सप्ताह इस बैंक के शेयर 15 फीसदी तक चढ़े हैं. इससे इसका मार्केटकैप 3.1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकल चुका है.
(3) अगर यह डील हो जाती है और इसके लिए इंडसइंड बैंक के शेयर मौजूदा भाव पर ही शेयरों को रखा जाता है, तो कोटक महिंद्रा बैंक की कुल मार्केट वैल्यू 4.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी, जो आईसीआईसीआई बैंक से काफी अधिक है. कोटक महिंद्रा बैंक ने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
(4) भारत का वित्तीय सेक्टर $2 लाख करोड़ का है, जिसमें 20 निजी बैंक और 10 सरकारी बैंक हैं. यह सेक्टर कोरोना की वजह से काफी गहरे संकटे से जूझ रहा है. चार दशकों में पहली दफा भारतीय अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है. इससे दबाव बढ़ गया है. बैंक अभी दो साल पहले आए एनबीएफसी संकट से उबर रहे हैं.
(5) भारत में डूबे कर्ज का स्तर दुनिया के अन्य बड़े मुल्क में सबसे अधिक है, जो मार्च तक और बुरी हालत में लुढ़क कर 12.5 फीसदी तक पहुंच सकता है. कोटक और इंडसइंड बैंक दोनों की ही बुक पर दबाव बढ़ने के आसार हैं, ऐसे में डील से कर्ज की स्थिति पर बुरा असर पड़ने के आसार कम ही हैं.
(6) बैकों पर ग्राहकों के जमा को लेकर कड़ी टक्कर नजर आ रही है. भारत के 30 बैंकों में अभी 57.4 करोड़ ग्राहकों ने सेविंग्स खातों की सुविधा ले रखी है. इस वियल के बाद कोटक महिंद्रा बैंक में जमा धन 4.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. यह एचडीएफसी बैंक की तुलना में काफी होगा


