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रायपुर, 10 सितंबर। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू), रायपुर ने बताया कि सेंटर फॉर लॉ एंड इंडिजिनस स्टडीज़ (सी.एल.आई.एस.) ने एक महत्वपूर्ण अकादमिक उपलब्धि दर्ज की, जब ट्राइब्स ऑफ छत्तीसगढ़: लॉ एंड लाइव्स" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक छत्तीसगढ़ की जनजातीय समुदायों की कस्टम्स, ट्रेडिशन्स और सोशियो-लीगल प्रैक्टिसेज़ का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है।
एचएनएलयू ने बताया कि लॉन्च समारोह में माननीय श्री न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी, चेयरपर्सन, असम मानवाधिकार आयोग एवं डिस्टिंग्विश्ड ज्यूरिस्ट प्रोफेसर, एचएनएलयू, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन, कुलपति, एचएनएलयू, रजिस्ट्रार, फैकल्टी और विद्यार्थी भी उपस्थित थे। अपने उद्बोधन में प्रो. (डॉ.) विवेकानंदन ने इस पुस्तक को एचएनएलयू की उस विजऩ का हिस्सा बताया, जिसका उद्देश्य ट्राइबल कस्टमरी लॉज़ को दस्तावेजि़त और संरक्षित करना है।
उन्होंने बताया कि ये कानून न केवल शैक्षणिक विमर्श के लिए, बल्कि इंडिजिनस पीपल्स की सांस्कृतिक पहचान और कानूनी धरोहर की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इस पहल की सराहना करते हुए माननीय न्यायमूर्ति गोस्वामी ने कहा कि यह अध्ययन लीगल प्लुरलिज़्म और इंडिजिनस राइट्स पर राष्ट्रीय संवाद में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो संविधानिक संरक्षण और जनजातीय पहचान के सम्मान के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।