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असली शक्ति पद में नहीं, बल्कि उस पद से की जाने वाली सेवा में-आईएफएस प्रभाकर
06-Aug-2025 3:03 PM
असली शक्ति पद में नहीं, बल्कि उस पद से की जाने वाली सेवा में-आईएफएस प्रभाकर

जेपी इंटरनेशनल विद्यार्थियों का मार्गदर्शन

कांकेर, 6 अगस्त। जेपी इंटरनेशनल स्कूल ने बताया कि विद्यार्थियों केसाथ एक अनूठे कार्यक्रम पीपल समिट के तहत मुख्य वन संरक्षक दिलराज प्रभाकर से संवाद किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रमुख व्यक्तित्वों के जीवन और कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त करना और उनसे संवाद स्थापित करना है, ताकि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सफलतम ऊंचाई पर पहुँच पाएं।

स्कूल ने बताया कि 11 वीं के छात्रों ने बताया कि 05 अगस्त मंगलवार को इस बार पीपल मीट में हम लोगों को भारतीय वन सेवा के प्रतिष्ठित अधिकारी दिलराज प्रभाकर के प्रेरक विचारों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी असाधारण यात्रा के अनुभव साझा करते हुए हमें न केवल प्रेरित किया, बल्कि सफलता का एक नया दृष्टिकोण भी दिया।

उन्होंने बताया कि कैसे वे इस सम्मानित पद तक पहुँचे और किस प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने निस्वार्थ भाव से गांवों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने योगदान का उल्लेख किया, जिससे यह साबित होता है कि वन विभाग केवल वनों का ही नहीं, बल्कि समाज का भी रक्षक है।

उन्होंने सिविल सेवाओं आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के बीच शक्ति संतुलन पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि क्यों आईएफएस एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली सेवा है। उनका मानना है कि असली शक्ति पद में नहीं, बल्कि उस पद से की जाने वाली सेवा में निहित है। नैनीताल में अपने छात्र जीवन से लेकर आईएफएस अधिकारी बनने तक की उनकी यात्रा की कहानी हर छात्र के लिए एक प्रेरणा थी। उन्होंने सफलता के दो प्रमुख सूत्र दिए अटूट विनम्रता और असाधारण कार्यकुशलता। उनके शब्द सरल थे, लेकिन उनमें एक गहरा संदेश छिपा था।

स्कूल ने बताया कि उन्होंने गर्व के साथ यह भी साझा किया कि कैसे उनकी पत्नी, जो राजस्थान से हैं, ने चुनौतियों का सामना करते हुए उनकी मदद से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त किया।


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