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कंधे के बार-बार खिसकने से परेशान युवक को दूरबीन सर्जरी से मिला स्थायी आराम-डॉ. खरे
27-Apr-2025 1:16 PM
कंधे के बार-बार खिसकने से परेशान युवक को दूरबीन सर्जरी से मिला स्थायी आराम-डॉ. खरे

एस.एम.सी. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल 

रायपुर, 27 अप्रैल। एसएमसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सौरभ खरे ने बताया कि कंधे की चोट और बार-बार खिसकने की समस्या से जूझ रहे एक 36 वर्षीय युवक को आखिरकार राहत मिली, जब एस.एम.सी. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर में आधुनिक तकनीक से की गई सफल दूरबीन सर्जरी (आर्थ्रोस्कोपी) द्वारा उसका उपचार किया गया। 

डॉ. खरे ने बताया कि मरीज कुछ समय पहले गिरने के कारण चोटिल हुआ था, जिससे  उसका कंधा पहली बार खिसका। प्रारंभ में मामूली इलाज से स्थिति संभली, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे बार-बार कंधा खिसकने की तकलीफ होने लगी, जिससे उसकी रोजमर्रा की गतिविधियाँ भी प्रभावित होने लगीं।

डॉ. खरे ने बताया कि उक्त समस्या के समाधान हेतु मरीज ने एस.एम.सी. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में परामर्श लिया। चिकित्सकीय जांच एवं शारीरिक परीक्षण के उपरांत यह संदेह उत्पन्न हुआ कि मरीज के कंधे में बैंकार्ट इंजरी है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें कंधे की झिल्ली (लेब्रम) फट जाती है, जिससे कंधा अस्थिर हो जाता है और बार-बार खिसकने की संभावना बढ़ जाती है। स्थिति की पुष्टि के लिए मरीज का रूक्रढ्ढ एवं ष्टञ्ज स्कैन कराया गया, जिसमें साफ तौर पर बैंकार्ट इंजरी की पुष्टि हुई। 

 

डॉ. खरे ने बताया कि इस निदान के बाद, मरीज को आर्थ्रोस्कोपिक बैंकार्ट रिपेयर सर्जरी की सलाह दी गई। इस सर्जरी में दूरबीन जैसी तकनीक का उपयोग कर बिना बड़े चीरे के कंधे की फटी हुई झिल्ली को फिर से जोड़ा जाता है। यह तकनीक कम तकलीफदेह, सुरक्षित और शीघ्र रिकवरी देने वाली होती है।

डॉ. सौरभ खरे एवं उनकी अनुभवी ऑर्थो टीम द्वारा यह सर्जरी एस.एम.सी. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर में सफलतापूर्वक की गई। ऑपरेशन के पश्चात मरीज की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है और वह पहले से कहीं अधिक सहज महसूस कर रहा है। मरीज ने बताया कि इलाज से वह पूर्णत: संतुष्ट है और अब पुन: सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है।


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