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रायपुर, 15 सितंबर। इस्लाम दर्शन केन्द्र, रायपुर के मुजीब खान ने बताया कि हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) यदि अरब देश में पैदा हुए, लेकिन उन्होंने सिर्फ अरब क़ौम को ही अपने आह्वान का लक्ष्य नहीं बनाया, बल्कि हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) ने किसी रंग, नस्ल, भाषा और क्षेत्र के भेद-भाव के बिना संसार के सारे मनुष्यों को सम्बोधित किया। पैग़म्बर मुहम्मद (स.अ.व.) का आह्वान था।
श्री खान ने बताया कि इंसानियत! अल्लाह की बन्दगी अपनाओ। और यह आह्वान कय़ामत तक पैदा होनेवाले सारे इंसानों के लिए है। हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) ने कहा कि सारे इंसान हजऱत आदम (अलैहि.) की सन्तान हैं। दुनिया में विभिन्न क़बीलों, कौमों और नस्लों का विभाजन सिर्फ एक-दूसरे की पहचान के लिए है। किसी गोरे को काले पर, किसी अरब को किसी गैर-अरब पर कोई श्रेष्ठता हासिल नहीं है। अल्लाह की नजऱ में सब बराबर हैं। उनमें श्रेष्ठता अगर है, तो उनके चरित्र के आधार पर।
श्री खान ने बताया कि हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) के सन्देश के मुख्य बिन्दु ये हैं: ईश्वर को एक जानो और मानो: लोगों! तुम्हारा ईश्वर बस एक ही है। वह समस्त दुनिया का एकमात्र सृजन, स्वामी, दूरदर्शी और कुशल शासक है। वही जीवन प्रदान करता है, फसलें उगाता है, धरती और आकाश की हर चीज़ पैदा करनेवाला और पालनहार है। वही जीवन देता है और वही मृत्यु। वही रोज़ी देनेवाला, वही रोगों को करतानेवाला, वही गऱीबों की निगरानी करनेवाला और दुख-दर्द को दूर करनेवाला है। वही दुआओं को सुनता है और ज़रूरतमंदों की मदद करता है। सारी की सारी प्रशंसा उसी के लिए है। परस्पर प्रेम बढ़ाओ: लोगों! यह दुनिया तुम्हारे लिए भोग-विलास की जगह है, न प्रतिफल की जगह है और न यातना का स्थान। यह संसार कुछ दिनों के लिए दिया गया है ताकि तुम इसे भली प्रकार समझकर अपनी अनिवार्य जि़म्मेदारियाँ पूरी करो और अल्लाह की रज़ामंदी हासिल करो। याद रखो कि तुम अल्लाह की निगरानी में हो।।
श्री खान ने बताया कि हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) ने दुनिया को सीधे और सच्चे रास्ते की तरफ़ बुलाया। ईश्वर की प्रसन्नता पाने के लिए संसार त्याग कर गुफाओं और जंगलों में मनस्याएँ, योगियाँ और रहबानिस्तानी तरह जि़न्दगी गुजारने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि दुनिया में ही रहकर उसे पूरी तरह समझकर दीनदारी (धार्मिक आचरण) अपनाई जा सकती है और अपनाई जानी चाहिए। इसलिए उनकी शिक्षाएँ इंसान के पूरे व्यक्तिगत और सामाजिक (सामूहिक) जीवन पर व्याप्त हैं।
श्री खान ने बताया कि हजऱत मुहम्मद (स.अ.व.) के कथन सारे मनुष्य ईश्वर का कुटुम्ब हैं। ईश्वर को वह इंसान बड़ा प्यारा है जो कमजोरों के साथ भलाई से पेश आता है। ईश्वर उस पर दया नहीं करता, जो दूसरों पर दया नहीं करता। तुम ज़मीन वालों पर रहम करो तो आसमान वाला तुम पर रहम करेगा।