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सामर्थ्य होने पर भी अपना बुरा करने वाले को क्षमा देना ही उत्तम क्षमा है-नितिन जैन
10-Sep-2024 4:12 PM
सामर्थ्य होने पर भी अपना बुरा करने वाले को क्षमा देना ही उत्तम क्षमा है-नितिन जैन

रायपुर, 10 सितंबर। श्री दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मंदिर दिगम्बर जैन समाज समिति के अध्यक्ष अरविंद बडज़ात्या ने बताया कि शाश्वत पर्व पर्वाधिराज पर्यूषण हो गया है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्श  भी यह महापर्व श्री दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मंदिर जी , सन्मति नगर, फाफाडीह में उल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है । दषलक्षण पर्व के प्रथम दिवस, उत्तम क्षमा धर्म के दिन ध्वजारोहण कर महोत्सव का प्रारंभ किया गया। ध्वजारोहण का सौभाग्य समाज के वयोवृद्ध सदस्य श्री महावीर प्रसाद जी राजकुमार जी बाकलीवाल को प्राप्त हुआ।

श्री बडज़ात्या ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर जी में श्रीजी का अभिशेक, शांतिधारा श्रावकों द्वारा की जाती है । प्रथम दिवस उत्तम क्षमा धर्म के अवसर पर मूलनायक महावीर भगवान की वेदी पर शांतिधारा करने का सौभाग्य श्री पारसमल जी साकेत जी तन्मय जी पापड़ीवाल परिवार को प्राप्त हुआ । प्रथम तल में भगवान पाष्र्वनाथ की वेदी पर यह सौभाग्य श्री महावीर प्रसाद जी राजकुमार जी बाकलीवाल को प्राप्त हुआ। भगवान मुनिसुव्रतनाथ की वेदी पर षांतिधारा श्री कंचनलाल जी मनोज जी विवेक जी पाण्ड्या द्वारा की गई । 

श्री बडज़ात्या ने बताया कि द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव धर्म के दिन मूलनायक महावीर भगवान की वेदी पर षांतिधारा करने का सौभाग्य श्री उमेष जी सरिता जैन परिवार को प्राप्त हुआ। प्रथम तल में भगवान पाष्र्वनाथ की वेदी पर यह सौभाग्य श्री कन्हैयालाल जी विमल जी गंगवाल को प्राप्त हुआ । भगवान मुनिसुव्रतनाथ की वेदी पर षांतिधारा श्री सिं. विनोद कुमार जी विक्रम जैन के द्वारा की गई। 

श्री बडज़ात्या ने बताया कि प्रतिदिन प्रात:कालीन पर्व पूजाएं श्रावकगण भक्ति भाव से कर रहे हैं। संध्या समय श्रीमती उशा लोहाडिय़ा एवं श्रीमती वर्शा सेठी के निर्देषन में श्रावक प्रतिक्रमण कराया जा रहा है। उत्तम क्षमा धर्म के दिन अपने सांध्यकालीन प्रवचन में पं. नितिन जैन ‘निमित्त’ ने बताया कि पर्वाधिराज दषलक्षण वर्श में 3 बार आते हैं । भादों माह में इनका विषेश महत्व होता है अत: इसी समय अधिक उल्लासपूर्वक मनाए जाते हैं । 

श्री बडज़ात्या ने बताया कि  भादों सुदी पंचमी नए काल के प्रारंभ का दिन है । इसी दिन से सृश्टि का उद्भव होना प्रारंभ हुआ था । दषलक्षण पर्व का प्रारंभ उत्तम क्षमा धर्म से होता है । क्षमा करने के लिये साहस की आवष्यकता होती है । सामथ्र्य होने पर भी अपना बुरा करने वाले को क्षमा कर देना ही उत्तम क्षमा है। 
 


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