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कलिंगा विश्वविद्यालय ने हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई
02-Aug-2024 12:33 PM
कलिंगा विश्वविद्यालय ने हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई

रायपुर, 2 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि आधुनिक हिंदी साहित्य में उपन्यास सम्राट के रूप में जाने जाने वाले मुंशी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू सामाजिक कथा साहित्य के अग्रणी थे। वे 1880 के दशक के उत्तरार्ध में समाज में प्रचलित जातिगत पदानुक्रम और महिलाओं और मजदूरों की दुर्दशा के बारे में लिखने वाले पहले लेखकों में से एक थे। वे भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं और उन्हें बीसवीं सदी की शुरुआत के सबसे प्रमुख हिंदी लेखकों में से एक माना जाता है। 

विश्वविद्यालय ने बताया कि सेवासदन, कर्मभूमि, गबन, गोदान और निर्मला जैसी उनकी शानदार कृतियाँ आज भी पाठकों के बीच अपनी छाप छोड़ती हैं और कालातीत सामाजिक मुद्दों को संबोधित करती हैं। कला एवं मानविकी संकाय के हिंदी विभाग की देखरेख में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन करके मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती मनाई।शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. उमेश कुमार पांडेय वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन, मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और कथा सम्राट प्रेमचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। यह कार्यक्रम मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रोफेसर एवं शिक्षाविद् डॉ. आर.के. अग्रवाल की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। 
 


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