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रायपुर, 30 मई। आईआईएम रायपुर ने बताया कि बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी (बी.सी.यू.) और भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर (भा.प्र.सं. रायपुर) ब्रिंगिंग ह्यूमैनिटीज एंड इनोवेशन मैनेजमेंट एंड क्रिएटिव एंटरप्रेन्योरियल लीडरशिप नामक ईपीजीपी बैच बी3 के वैकल्पिक पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में डॉ. सारा ग्रेसी, वरिष्ठ व्याख्याता नेतृत्व और एचआरएम,बी.सी.यू. द्वारा एक विशेष व्याख्यान की घोषणा करने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि यह अभूतपूर्व पाठ्यक्रम भा.प्र.सं. रायपुर के सहायक प्रोफेसर, मानविकी और उदार कला, प्रो. मृणाल चावड़ा और बी.सी.यू. के प्रो. शिशांक द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया गया है, जो इन दो प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है। यह पाठ्यक्रम ब्रिटिश काउंसिल (भारत) द्वारा दोनों संस्थानों को प्रदान किए गए एक संयुक्त शोध अनुदान का परिणाम है। इस अनुदान का उद्देश्य उद्योग-शैक्षणिक सहयोग का समर्थन करना है ताकि उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता, कार्य-तैयार कार्यबल और दोनों उद्योग और शैक्षणिक जगत के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान परिणाम प्राप्त हो सकें। डॉ. ग्रेसी, जो पर्यवेक्षी नेतृत्व और इसके कार्यस्थल व्यवहार पर प्रभाव के लिए जानी जाती हैं, मानविकी को नवाचार प्रबंधन के साथ एकीकृत करने के बारे में संबोधित करेंगी ताकि रचनात्मक उद्यमशील नेताओं को विकसित किया जा सके।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि उनके व्याख्यान में नेतृत्व और संगठनात्मक व्यवहार के बीच गतिशील संबंध की खोज की जाएगी, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र में विविधता, समानता और समावेशन के महत्व पर जोर दिया जाएगा। पाठ्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक प्रबंधन शिक्षा और आधुनिक, नवाचार-प्रेरित व्यावसायिक वातावरण में नेतृत्व के लिए आवश्यक रचनात्मक, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के बीच की दूरी को कम करना है।