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रायपुर, 25 मई। सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अशोक देवांगन ने बताया कि उनके द्वारा बनाई गई बस्तर आर्ट की 12 फीट ऊंची नयनाभिराम कलाकृति रायपुर एयरपोर्ट में लगाई गई है। छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति के अनुरूप बस्तर आर्ट पर बनाई गई इस कलाकृति के लगने से एयरपोर्ट परीक्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लग आए हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि यह बैल कलाकृति अब रायपुरियंस लोगों के लिए एक नया सेल्फी पाइंट बन गया है। अशोक देवांगन समकालीन भारतीय कलाजगत के एक शीर्षस्थ हस्ताक्षर हैं। वे विगत 25 वर्षों से कलासाधना में लगे हुए हैं और देश भर में एक से बढक़र एक कलाकृतियां बना चुके हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि रेल्वे के व्यर्थ पड़े लौह स्क्रेपो से उन्होंने भारत के अनेक शहरो में सुंदरतम और कालजयी कृतियों का निर्माण किया है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ के जनरल नॉलेज बुक में उन्हें कचरे से सोना बनाने वाले कलाकार के रूप में उल्लिखित किया जाता है। वे दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं और रेल्वे के विभिन्न विभागों में सौंदर्यीकरण का महती कार्य कर रहे हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि रायपुर एयरपोर्ट में उन्होंने दो विशालकाय घोड़ों की कलाकृति बनाई है जो आज एयरपोर्ट की पहचान बन चुकी है। एयरपोर्ट से निकलते ही तीन मंजिले इमारत जितने ये घोड़े मन को मोह लेते हैं। बाहर से आए यात्री हों या स्थानीय रहवासी इस अद्भुत कलाकृति को नजदीक से देखने और उसके साथ सेल्फी लेने का लुत्फ नही छोडऩा चाहते। बहरहाल इस बस्तरिहा बैला कलाकृति के निर्माण की बात करें तो इसे पहले मिट्टी से बनाया गया है।