कारोबार
दो वर्ष के बाद देशभर के स्वर्ण बाजार में लौटी रौनक, धनतेरस में 7500 करोड़ सोना और चांदी का व्यापार-कैट
03-Nov-2021 1:36 PM
Join WhatsApp Group 1 यहाँ क्लिक करे
रायपुर, 3 नवंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया।
कैट ने बताया कि पिछले दो सालों में बेहद मंदी की मार झेलने वाले सराफा व्यापारियों के चेहरे पर दिवाली त्यौहार की खरीदी को लेकर उनकी चिरपरिचित मुस्कान आज धनतेरस के दिन वापिस आ गई जब राजधानी दिल्ली सहित देश भर के सराफा व्यापारियों ने सोने चांदी के गहनों एवं अन्य सामान का बेहद अच्छा व्यापार किया। कैट तथा कैट के ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (एआइजेजीएफ़) ने एक संयुक्त वक्तव्य में बताया कि आज धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई जो लगभग 7.5 हजार करोड़ रुपये है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि देश के अन्य राज्यों के अलावा दिल्ली में जहां लगभग 1000 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ वही महाराष्ट्र में लगभग 1500 करोड़, उत्तर प्रदेश में लगभग 600 करोड़, दक्षिण भारत में लगभग 2000 करोड़ का स्वर्ण आभूषणों का व्यापार हुआ। देश में पुरातन काल से सभी त्यौहारों में धनतेरस का अपना विशेष महत्व है। इस दिन देशभर में लोग सोने चांदी के बर्तन सिक्के या आभूषण खरीदते है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। सोना और चांदी देश में निवेशकों की प्राचीन काल से ही पहली पसंद रहा है। भारतीय परिवार अपनी हैसियत के अनुसार धनतेरस के दिन सोने-चांदी में का सामान खरीदते हैं वहां बर्तनों के भी खरीदने का रिवाज एक लम्बे समय से चला आ रहा है।
Join WhatsApp Group 2 यहाँ क्लिक करे


