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सबसे पुराने लौह उद्योग रोलिंग मिल इकाइयां बंद होने की कगार-छग स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन
30-Sep-2021 12:55 PM
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रायपुर, 30 सितंबर। छग स्टील री रोलर्स एसोसिएशन ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग दो सौ रोलिंग मिल इकाइयां कार्यरत हैं,जो छत्तीसगढ़ प्रदेश में उत्पादित होने वाले कच्चेमाल जैसे बिलेट, इंगट एवं भिलाई स्टील प्लांट से प्राप्त होने वाले रोलेबल एवं रिजेक्ट मटेरियल इत्यादि को फिनिश प्रोडक्ट के रूप में उत्पादित कर देश के सभी राज्यों में बेचा जाता है।
एसोसिएशन ने बताया कि इसी लौह इकाइयों के कारण ही देश में छत्तीसगढ़ को अग्रणी स्टील उत्पादक राज्य का दर्जा प्राप्त है एवं उन्हें लौह इकाइयों से केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न करों के माध्यम से राजस्व प्राप्त होता है। विद्युत विभाग को भी राजस्व के रूप में प्रदान करता है। परन्तु विगत कुछ महीनों से रोलिंग मिल इकाइयां बंद हो गई हैं एवं कुछ इकाइयों बंद होने की कगार पर हैं जिससे विगत कुछ समय से राज्य में कोई भी नई रोलिंग मिल यूनिट की स्थापना नहीं हो पाई है।
एसोसिएशन ने बताया कि कोयले की अनुपलब्धता एवं कीमतों में बेतहाशा वृद्धि 6 हजार का कोयला छ: माह में लगभग 14 हजार का हो चुका है, विदित हो कि घरेलू कोयले की अनुपलब्धता की वजह से यहां की रोलिंग मिलों को विदेशों से आयातित महंगे कोयले पर निर्भर रहना पड़ता है संस्था द्वारा कोल लिंकेज हेतु शासन से गुहार लगाई है, जो अभी तक लंबित है।
एसोसिएशन ने बताया कि बिजली की कीमतों में लगातार अप्रत्याशित वृद्धि आज रोलिंग मिलों को सर्वाधिक महंगे दरों पर छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के द्वारा बिजली उपलब्ध कराई जाती है, जो करीब 8.50 से 9.50 रुपये प्रति यूनिट की दर पड़ता है, जबकि बड़े स्टील इकाइयों को शासन के द्वारा रियायती दरों 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।
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