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एन्टेरोस्कोपी से आंत-जांच में मिली बड़ी गांठ, डॉ. लाहोटी और डॉ. तिवारी ने बचाई जान, भारत की चुनिन्दा 13 जगहों में यह सुविधा उपलब्ध, जिसमें सुयश हॉस्पिटल शामिल
04-Sep-2021 1:49 PM
एन्टेरोस्कोपी से आंत-जांच में मिली बड़ी गांठ, डॉ. लाहोटी और डॉ. तिवारी ने बचाई जान, भारत की चुनिन्दा 13 जगहों में यह सुविधा उपलब्ध, जिसमें सुयश हॉस्पिटल शामिल

रायपुर, 4 सितंबर। सुयश हॉस्पिटल के डॉ.मनोज लाहोटी एवं डॉ. लवकुश तिवारी ने बताया कि  62 साल के व्यक्ति जिन्हें पहले कोई भी बीमारी या शरीर में कोई भी तकलीफ नहीं थी, अचानक एक दिन खून की दस्त एवं काले मल की शिकायत होने के कारण अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच से पता चला कि उनकी आंतों से खून के रिसाव के कारण हिमोग्लोबिन व ब्लड प्रेशर कम हो गया है।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि ऐसी गंभीर स्थिति में उन्हें 5 पैकेट रक्त चढ़ाया गया एवं तबियत में थोड़ा सुधार होने पर उच्च स्तरीय इलाज के लिए रायपुर भेजा गया। वे सुयश अस्पताल में परामर्श के लिए आए। आपातकाल कक्ष में उनका परीक्षण करने से पता चला कि हालत बेहद गंभीर है। उनका हिमोग्लोबिन 5 युनिट ब्लड चढ़ाने के बाद भी 3 ग्राम से ज्यादा नही बढ़ सका। ब्लड प्रेशर काफी कम था तथा बेसुध से हो गए थे।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि उनकी नाड़ी दर भी करीब 160 प्रति मिनट चल रही थी। जिसके कारण उसे गहन चिकित्सा विभाग (आई.सी.यु) मे भर्ती कराया गया। तुरंत 5 पैकेट रक्त चढ़ाया गया। तबियत में थोड़ा सुधार होने पर उन्हें मध्य रात्रि में रक्त स्त्राव का कारण पता करने मे लिए एंडोस्कोपी तत्पश्चात मल द्वार से कोलोनोस्कोपी द्वारा जाँच की गई।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि जाँच से अन्ननलिका, आमाशय छोटी आंत के आरंभीक हिस्सा, सम्पूर्ण बडी आंत एवं छोटी आंत के निचले हिस्से को परीक्षण किया गया परंतु इन जाँचों के बावजुद रक्त स्त्राव का कारण नहीं ज्ञात हुआ। सामान्य तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एंडोस्कोपी कोलोनोस्कोपी एवं सिटी स्कैन से छोटी आंत की सुक्ष्म जानकारी लेना ज्यादातर मामलों में संभव नहीं होता।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि छोटी आंत की जानकारी के लिए नवीनतम एंडोस्कोप जिसे पावर स्पाइरल एन्टेरोस्कोप (छोटी आंत की एंडोस्कोपी) का इस्तेमाल किया गया यह पद्धति पूरे मध्य भारत मे कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, देश के चुनिन्दा 13 जगहों में यह सुविधा उपलब्ध है, रायपुर के सुयश अस्पताल में एन्टेरोस्कोपी की सुविधा उपलब्ध होने के कारण छोटी आंत की सम्पूर्ण जाँच मात्र 25 मिनट में डॉ.मनोज लाहोटी एवं डॉ. लवकुश तिवारी द्वारा सरलता पूर्वक की गई जो की 22 फिट लंबी होती है जाँच से पता चला की मरीज के छोटी आंत में एक बड़ी गांठ है।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि जिससे लगातार खुले हुए नल की तरह रक्त का स्त्राव हो रहा था इस पद्धति के दौरान हिमोक्लिप के माध्यम से रक्त स्त्राव को रोका गया। जाँच मे पूर्व मरीज को लगभग 10 से 12 पैकेट खुन चढ़ाया जा चुका था, किन्तु रक्त स्त्राव लगातार होने के कारण शरीर में खून की लगातार कमी हो रही थी। एन्टेरोस्कोप द्वारा किये गये इलाज के बाद उसे खून चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी। दूसरे दिन ही वे चलने फिरने लगे।
 
डॉ. लाहोटी एवं डॉ. तिवारी ने बताया कि मरीज की तबियत में सुधार होने के बाद उस बड़ी गांठ को पेट की सर्जरी के माध्यम से डॉ. विवेक केशरवानी के द्वारा निकाला गया, अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुका है इस मरीज के इलाज में गेस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग, क्रिटिकल केयर युनिट एवं गेस्ट्रोसर्जरी युनिट का विशेष योगदान रहा।

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