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रायपुर, 24 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। यहाँ पर विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए विभिन्न सांस्कृतिक, रचनात्मक एवं बहुद्देशीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सद्भाव को विकसित करने के उद्देश्य में कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के द्वारा सद्भावना दिवस पर ऑनलाईन संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ।
मुख्य वक्ता के रूप में भारत की प्रमुख युवा साहित्यकार और राजमोहनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर की सहायक प्राध्यापक डॉ. विश्वासी एक्का उपस्थित थीं। उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष सद्भावना दिवस का आयोजन किया जाता है।
भारत की गौरवशाली संस्कृति है। जहाँ पर विश्व बंधुत्व, सर्वकल्याण और मानवता की भावना हमारी प्रमुख पहचान है। हमारे देश में अनेक विविधताओं के बावजूद देश की एकता-अखंडता को बरकरार रखना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। इसलिए भारतीय संविधान के तहत देश में कानून का सम्मान रखते हुए सभी को सम्मानजनक जीवन यापन करने का अधिकार दिया गया है। सद्भावना दिवस मनाने का मुख्य विचार हिंसा को समाप्त करके देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखना है।
संचालन करते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक स्वरूपा पंडित ने बताया कि राजीव गांधी की स्मृति में मनाए जाने वाले इस महत्वपूर्ण दिन का संदेश है कि देश में सभी धर्म जाति और भाषा को बोलने वाले और विविध आस्थाओं के लोगों को एक साथ रहना चाहिए। सद्भावना दिवस का उद्देश्य लोगो को दूसरो के प्रति अच्छी भावना रखने के लिए प्रेरित करना, सभी धर्मों के लोगों के बीच भाईचारा, सामुदायिक सदभाव, एकता और प्रेम पैदा करना है।


