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रायपुर, 2 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने आज जीएसटी के देश में चार वर्ष पूरे होने पर जीएसटी कर प्रणाली की वर्तमान व्यवस्था पर बड़ा तंज कसते हुए कहा कि चार वर्षों के बाद यह अब एक औपनिवेशिक कर प्रणाली बन गई है जो जीएसटी के मूल घोषित उद्देश्य गुड एंड सिंपल टैक्स के ठीक विपरीत है और देश के व्यापारियों के लिए एक बड़ा सिर दर्द बन गई है।
श्री पारवानी ने बताया कि वर्तमान जीएसटी कर प्रणाली भारत में हो रहे व्यापार की जमीनी हकीकत और व्यापार करने के तौर तरीके के साथ तालमेल नहीं बैठा पाई है। जीएसटी के तहत अभी हाल ही के महीनों में हुए विभिन्न संशोधनों और नए नियमों ने कर प्रणाली को बेहद जटिल बना दिया है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इज ऑफ डूइंग बिजनेस की मूल धारणा के बिलकुल खिलाफ है। कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए समय माँगा है।


