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रायपुर, 26 जून। छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक और नवरत्न कंपनी एनएमडीसी और छत्तीसगढ़ के स्पंज आयरन उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ शासन की ओर से खनिज विभाग के सचिव अन्बलगन पी., छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के प्रबंध संचालक जे.पी.मौर्य, एनएमडीसी की ओर से उत्पादन निदेशक पी.के. सतपथी और वाणिज्य निदेशक आलोक मेहता के साथ ही एनएमडीसी के संपदा सलाहकार दिनेश श्रीवास्तव और जीईसी प्रमुख पंकज शर्मा सम्मिलित थे। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष अनिल नचरानी और उद्योग समुह के अन्य प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
बैठक छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चर्स एसोशियेशन की मांग पर राज्य सरकार के समन्वय से बुलाई गई थी जिसमें एसोसिएशन की मुख्य मांग प्राथमिकता के साथ छत्तीसगढ़ के उद्योगों को लौह अयस्क की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही लौह अयस्क की कीमतों को कम करना शामिल है। बैठक के बाद एनएमडीसी ने स्पष्ट किया है कि वैश्विक महामारी के मौजूदा दौर में उद्योगों के सामने उपस्थित चुनौतियों के बीच छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन की ओर से जो विषय सामने लाए गए है उसे सुलझाने के लिए एनएमडीसी प्रतिबद्ध है।
एनएमडीसी ने स्पष्ट किया है कि उसका विशेष ध्यान छत्तीसगढ़ के स्पंज आयरन उद्योगों पर है और एनएमडीसी बाजार की बदली परिस्थितियों के बीच छत्तीसगढ़ के उद्योगों को लेकर बेहद ही संवेदनशील है। एनएमडीसी का कहना है कि उसके पास बृहत ग्राहक समूह है जिनके बीच अपनी नीतियों और फैसलों के माध्यम से संतुलन बनाए रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश में लौह अयस्क की अनिश्चित उपलब्धता के बीच यह संतुलन बनाए रखना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।


