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रायपुर, 26 जून। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उपभोक्ता कानून के तहत जारी नियमों के मसौदों पर कुछ मीडिया रिपोर्टों जिनमें कहा गया है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नए मसौदे ई-कॉमर्स नियमों से ई-टेलर्स पर अनुपालन बोझ में वृद्धि करेंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि ई-कॉमर्स व्यापार जिसका देश में व्यापार में केवल 10 ही हिस्सा है के लिए इतने नियमों की आवश्यकता नहीं है बल्कि बेफजूल इस प्रकार के नियम परेशानी पैदा करेंगे को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा की कुछ निहित स्वार्थ वाले तत्वों द्वारा इस तरह के कदमों को निरुत्साहित करने की अनावश्यक कोशिश है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वो लॉबी जो नीति और नियमों का उल्लंघन करने पर आमादा है, सरकार की कार्रवाई को नजर अंदाज करने की कोशिश कर रही है और ऐसा माहौल बनाना चाहती है कि अब किसी भी तरह के नियमों की आवश्यकता नहीं है। 'यह कुछ निहित स्वार्थों वाली ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियमों को ताक पर रखने का एक प्रयास है क्योंकि लागू किए गए नियम भारत के ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करने और उस पर कब्जा करने के उनके भयावह मंसूबों पर अंकुश लगा देंगे। कुछ वैश्विक बड़ी कंपनियां आदतन कानून तोड़ती हैं और कानून का पालन करना उनके डीएनए में नहीं है।


