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रायपुर, 2 जून। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें प्रांत संयोजक मोहन पवार, अखिल भारतीय सह-महिला प्रमुख शीला शर्मा, प्रांत संपर्क प्रमुख सुब्रत चाकी, प्रांत कार्यालय प्रमुख दिग्विजय भाकरे। प्रेस वार्ता का सफल आयोजन इंदिरा जैन ने किया।
विशेषज्ञों ने बताया कि विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है। इस संक्रमण की चिकित्सा व रोकथाम की औषधियों व टीकों पर बड़ी कम्पनियों के पेटेण्ट के कारण ये सबको सुलभ नहीं है। मानव के जीने का अधिकार, सार्वभौम मौलिक अधिकार है। कुछ कम्पनियों को पेटेण्ट से मुनाफा कमाने हेतु असीमित अधिकार देकर करोड़ों लोगों के जीने के अधिकार पर आंच आये,एसा नहीं होने दिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि इन टीकों और दवाओं को सस्ता व सर्व सुलभ उपलब्ध कराने के लिए, भारत के लोगों द्वारा इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी के हस्तांतरण के लिये एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। यद्यपि कोविड के इलाज से सम्बंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अपर्याप्त है।
उन्होंने बताया कि इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है वहां कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है। इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है।
इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है। इसके अन्तर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता हेतु युनिवर्सल एक्सेस टु वेक्सीन्स एण्ड मेडिसिन्स अर्थात युवम के नाम से यह अभियान चल रहा है। इसमें आनलाईन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, संपर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है।


