बिलासपुर

आदिवासी विभाग में 83 लाख की निविदा रद्द, नियम तोड़कर ठेके दिलाने की कोशिश का पर्दाफाश
12-Oct-2025 2:52 PM
आदिवासी विभाग में 83 लाख की निविदा रद्द, नियम तोड़कर ठेके दिलाने की कोशिश का पर्दाफाश

तकनीकी त्रुटियों और भाई-भतीजावाद के आरोप पर कलेक्टर ने की कार्रवाई, स्वतंत्र जांच टीम बनेगी

छत्तीसगढ़' संवाददाता 

बिलासपुर, 12 अक्टूबर। आदिवासी विकास विभाग में छात्रावासों की मरम्मत के लिए जारी करीब 82.99 लाख रुपये की निविदा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है। जांच में नियम उल्लंघन और पक्षपात की पुष्टि होने पर जिला प्रशासन ने पूरी निविदा प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी है। यह कार्रवाई कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर की गई।

चार अगस्त को आदिवासी विकास विभाग, बिलासपुर द्वारा कोटा, बिलासपुर, तखतपुर और मरवाही के 16 प्री-मैट्रिक छात्रावासों और आश्रमों के जीर्णोद्धार के लिए निविदा जारी की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि विभाग के एक लिपिक ने अपने रिश्तेदारों और चहेतों को ठेके दिलाने के लिए नियमों की अनदेखी की।

जांच में यह सामने आया कि निविदा दस्तावेजों में कई तकनीकी खामियां थीं। श्रमिकों के बीमा और ईपीएफ से जुड़े जरूरी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया था। कई ठेकेदारों ने केवल नाममात्र का पंजीयन कराया था, लेकिन श्रमिकों के बीमा की राशि जमा नहीं की गई थी। इसके बावजूद उनके आवेदन स्वीकार कर लिए गए, जो कि नियम विरुद्ध था।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को गंभीर मानते हुए सहायक आयुक्त पीसी लहरे को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने निविदा प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नई निविदा की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन अब पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच टीम गठित करने पर विचार कर रहा है।


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