बिलासपुर
अब कॉलेज खुद तय करेगा पाठ्यक्रम, परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली
बिलासपुर, 12 अक्टूबर। लंबी कानूनी लड़ाई और प्रशासनिक अड़चनों के बाद डीपी विप्र कॉलेज को आखिरकार स्वायत्तता का दर्जा दिया जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की आपात बैठक में शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया। अब कॉलेज अपने पाठ्यक्रम, परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली को स्वयं संचालित कर सकेगा।
कॉलेज को आटोनॉमस स्टेटस (स्वायत्तता) देने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने मंजूर कर लिया है। यह फैसला राजभवन से प्राप्त पत्र और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लिया गया।
दरअसल, यूजीसी ने पहले ही डीपी विप्र कॉलेज को स्वायत्तता की अनुशंसा कर दी थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने आधारभूत सुविधाओं, शिक्षकों की संख्या और प्रशासनिक खामियों के कारण इसे रोक दिया था।
विश्वविद्यालय के निर्णय को चुनौती देते हुए कॉलेज प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। मई 2025 में सिंगल बेंच ने कॉलेज के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए 30 दिनों के भीतर स्वायत्तता प्रदान करने का निर्देश दिया था।
विश्वविद्यालय ने इसके खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की, लेकिन वहां भी कॉलेज के पक्ष में फैसला आया। इसके बाद अब कार्यपरिषद ने छात्रों के हित में स्वायत्तता देने पर सहमति जताई है।
अटल विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट किया है कि कॉलेज को स्वायत्तता कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। इनमें शिक्षकों की न्यूनतम संख्या सुनिश्चित करना, प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार और शोध कार्यों में निरंतर सुधार शामिल हैं।
इस निर्णय से डीपी विप्र कॉलेज को अकादमिक स्वतंत्रता मिलेगी और छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से सीधा लाभ होगा।


