बिलासपुर
बिलासपुर, 3 जुलाई। नशे के खिलाफ पांच माह से चल रहे बिलासपुर पुलिस के निजात अभियान से अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है, वहीं कई परिवारों को बिखरने से बचाया गया है। इस अभियान में कई स्वयंसेवी संगठन भी अब पुलिस के साथ आ रहे हैं। नशे के धंधे में लिप्त लोगों ने दूसरे सम्मानजनक व्यवसाय अपनाना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की पुलिस को निर्देश दिया है कि नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएं और नशे के आदी लोगों की मदद करें। इसमें अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ और यूनाइटेड नेशन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) की भी मदद मिल रही है।
एएससी राजेंद्र जायसवाल और राहुल देव शर्मा ने बताया कि इस अभियान को चलते हुए 5 माह हो चुके हैं। इस दौरान आईपीसी के अपराधों में 12 फीसदी कमी आई है। मारपीट में 12 फीसदी, हत्या के प्रयास में 66%, हत्या में 21%, चाकूबाजी में 74 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 46 फीसदी और चोरी में 21% की आई कमी। आबकारी और एनडीपीएस के मामलों में से अपराध 18 प्रतिशत बढ़ी है, क्योंकि पुलिस इन पर कार्रवाई में तेजी ला रही है। सड़क दुर्घटना 2 प्रतिशत बढ़े हैं लेकिन वृद्धि की दर में कमी आई है। पांच माह के दौरान ही एनडीपीएस व आबकारी के कुल 2454 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें 2579 लोग गिरफ्तार किए गए। गैर- जमानतीय प्रकरणों में 402 आरोपी जेल भेजे गए। इस दौरान 4804 लीटर अवैध शराब, 640 किलो गांजा, 15 ग्राम चरस, 10 हजार इंजेक्शन, 879 नग सीरप, 953 बोनफिक्स, 5 ग्राम एमएएमडी सहित अन्य नशीले पदार्थ जब्त हुए। पुलिस की लगातार कार्रवाई से अपराधियों में खौफ है। शराब पीकर वाहन चलाने के मामले भी लगातार कार्रवाई के चलते घट रहे हैं। ऐसे 825 मामलों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई कर कोर्ट में पेश किया गया जहां प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। कोटपा एक्ट के तहत भी 568 प्रकरण दर्ज किए गए जिसमें हुक्का पॉट, पाइप कोल व फ्लेवर्ड तंबाकू की जब्ती शामिल है।
नशे के विरुद्ध जनजागरुकता के लिए स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर 1906 जागरूकता कार्यक्रम किए गए। अभियान के तहत नशा करने वालों के लिए थाना स्तर पर काउंसिलिंग की जा रही है। नशीले पदार्थ की उपलब्धता में कमी से सैकड़ों लोग जो नशे के आदी नहीं बल्कि शौकिया नशे के सेवन कर रहे थे, वो लोग नशे के खतरनाक लत से बचे हैं। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के कारण सैकड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। उनकी कहानियां सामने आ रही हैं।
तखतपुर थाना अंतर्गत में निरंजन साहू शराब कोचियागिरी, शराब बिक्री का काम करता था, लेकिन निजात अभियान दौरान शराब बिक्री छोड़ कर गन्ना रस का दुकान चला रहा है। खुद को भी उसने नशे से दूर कर लिया है। अभियान के पूर्व तखतपुर क्षेत्र के ग्राम सिरसहा तथा ग्राम लिदरी में बड़े पैमाने पर शराब बिक्री होती थी, लेकिन अब ग्रामीणों ने सिरसहा तथा लिदरी में पूर्ण रूप से शराबबंदी घोषित की गई है। पुलिस विभाग के थाना तखतपुर के प्रधान आरक्षक बाबूराम पोर्ते शराब के लत से ग्रसित थे, लेकिन निजात अभियान के तहत काउन्सलिंग से मदद पाकर शराब पीना पूरी तरह बंद कर दिया है।
तोरवा थाना अंतर्गत नशे का व्यापार में लगी एक महिला पर पुलिस ने बार बार कार्रवाई की। अब उसने चाय गुमटी के साथ पान ठेला खोलकर सामान्य जीवनयापन शुरू किया है। इसी तरह के शराब के आदी कई युवकों ने नशा बंद कर दिया है जिससे उसका खर्च कम हो गया है और परिवार में अधिक समय दे रहा है। इन कार्यों में डॉक्टर व मनोवैज्ञानिकों से भी मदद ली जा रही है। कई युवकों ने खुद नशा छोड़ दिया है और अब वे लोगों को शराब व अन्य नशा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
महिला थाना के परिवार परामर्श केंद्र द्वारा निजात के तहत काउन्सलिंग से दर्जनों परिवारों को बिखरने से बचाया गया है। ऐसे मामले भी आए जिनमें पति शराब पीकर आये दिन मारपीट और झगड़ा करता था। वे काउंसलिंग में आए और नशा छोड़कर पत्नी और बच्चों को अच्छे से रखने के लिए तैयार हुए। इनकी नियमित काउंसलिंग चल रही है ताकि वे दोबारा नशे की लत का शिकार न हों।


