बिलासपुर
4 आरोपी गिरफ्तार, 10 लाख नगद जब्त,12 करोड़ रुपए फ्रीज
30 मोबाइल फोन, 10 लैपटॉप, 10 एटीएम जब्त
बैंक कर्मचारियों और सिम कार्ड बेचने वालों की मिलीभगत भी सामने आई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 2 जुलाई। पुलिस ने महादेव एप ऑनलाइन बेटिंग के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। इसमें चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। उनसे 10 लाख रुपये नगद जब्त किए गए हैं और बैंक खातों में जमा 12 करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं। मामले में बैंक कर्मचारियों और सिम कार्ड तथा मोबाइल फोन बेचने वालों की मिलीभगत भी सामने आई है, जिस पर जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने मीडिया को बताया कि आरोपी ट्रेडिंग के बहाने खाता लेकर दूसरे मोबाइल से लिंक कर ऑनलाइन सट्टा में उपयोग करते थे। इसके अलावा उन्होंने फर्जी खाते भी खुलवाए थे। 24 ऐसे बैंक खातों की पहचान की गई है जिसमें बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई है। 275 से अधिक एकाउंट की पहचान कर होल्ड कराया गया है और उसमें जमा 12 करोड़ 30 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं। 600 से अधिक वीआईपी मोबाइल नंबर जो महादेव, अन्ना रेड्डी और अन्य बेटिंग एप प्लेटफॉर्म से संबंधित हैं, उनकी पहचान की गई जिन्हें डि-एक्टिवेट कराया जाएगा। इसके अलावा इससे संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बंद कराने की कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों से 30 मोबाइल फोन, 10 लैपटॉप और 10 एटीएम कार्ड भी जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में बेंगलूरू का रजत जैन (27 वर्ष) तथा बिलासपुर के क्षितिज भारद्वाज (20 वर्ष), बॉबी जाधव (28 वर्ष) और कार्तिक विश्वकर्मा (19 वर्ष) शामिल हैं।
कुछ दिन पहले तारबाहर पुलिस को शिकायत मिली थी कि कुछ फर्जी बैंक एकाउंट खुलवाकर एक खाते में 50 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। विवेचना से पता चला कि इन खातों से महादेव बुकी, अन्ना रेड्डी ऑनलाइन सट्टे के लिए लेन-देन में खातों का इस्तेमाल हुआ है। पता चला कि सार्थक और क्षितिज नाम के युवक कॉलेज में पढऩे वाले अपनी जान-पहचान के युवकों को शेयर ट्रेडिंग का नाम लेकर खाता खोलने के लिए कहते हैं। रकम के ट्रांजेक्शन के लिए आईडी, पासवर्ड, यूपीआईडी भी वही मुहैया कराते हैं। खाता खोलने में यस बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, आईडीएफसी के कर्मचारी मदद करते थे। बैंक खातों में जो मोबाइल नंबर दर्ज कराये जाते थे, वे खाताधारक के नहीं होते थे। इनमें फर्जी मोबाइल नंबर बताया जाता था ताकि ऑनलाइन बैंकिंग और यूपीआई ट्रांजेक्शन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। ये मोबाइल नंबर मोबाइल दुकानदार और सिम कार्ड बेचने वाले उपलब्ध कराते थे। सिम लेने वाले वास्तविक ग्राहकों से सिम अपडेट करते समय दो बार फिंगर प्रिंट लिया जाता था और दो बार फोटो खींचे जाते थे। दूसरी फिंगर प्रिंट और फोटो का इस्तेमाल फर्जी मोबाइल नंबर जारी करने में किया जाता था जो इन सटोरियों को दे दिया जाता था। ऐसे दुकानों की पहचान भी कर ली गई है। उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।
उक्त कार्रवाई में सीएसपी संदीप पटेल, एसीसीयू के निरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव, तारबाहर थाना प्रभारी मनोज नायक, अजय वारे सहित स्टाफ का योगदान रहा।


