बेमेतरा
बेमेतरा के 5 हजार किसान धान बेचने के अधिकार से वंचित हो रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 दिसंबर। जिले के करीब 5000 किसान धान बेचने के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। उनकी परेशानी का मुख्य कारण धान पंजीयन रिकॉर्ड में रकबे का कम होना या पूरी तरह से गायब हो जाना है। रिकॉर्ड में डेटा मिलान ना हो पाने की वजह से किसान संशोधन के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
किसानों का कहना है कि वह वर्षों से धान बेचते आ रहे हैं लेकिन इस तरह की तकनीकी और कागजी समस्याओं का सामना उन्हें पहली बार करना पड़ रहा है।
तकनीकी खामियों से 9 हजार से अधिक खसरो का मिलान अटका
जिले की विभिन्न तहसीलों में 9000 से अधिक फसलों का मिलान नहीं हो पा रहा है। धान बेचने के लिए इस वर्ष किसानों को गंभीर तकनीकी और कागजी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए किसान पटवारी, सरकारी समिति, तहसील, एसडीएम, कृषि विभाग और कलेक्ट कार्यालय में लगातार चक्कर लगा रहे हैं।
किसानों ने बताया कि भू राजस्व रिकॉर्ड में सही जानकारी दर्ज होने के बावजूद एग्रीस्टेटपोर्टल पर उनके नाम, रखबे और अन्य विवरण में त्रुटियां हो गई है। वे इन त्रुटियों को सुधरवाने के लिए कई दिनों से भटक रहे हैं।
कोबिया के किसान ने बताया कि उनके रिकॉर्ड में लगभग जीरो बताया जा रहा है। शहर के कोबिया वार्ड निवासी सूरज वर्मा, लवकुश वर्मा, आत्माराम, कन्हैया, दिलीप, तोपसिंह, कमलेश वर्मा, अजीज कुरैशी, दीपक वर्मा और कृष्ण वर्मा सहित कई किसानों के कुल 26 खसरों के रिकॉर्ड में त्रुटि पाई गई है। किसानों ने भी बताया कि डीसीएस सर्वे में उनके किसानों ने के खसरे से में अन्य फसल आदर्श गए हैं, जबकि गिरदावरी में कोई और फसल नजर आ रही है। इस तरह की विरोधाभासी गलतियों के कारण में सरकारी समिति में धान बेच नहीं पा रहे हैं।
रकबे को शून्य दर्शाया
ग्राम नवागांव निवासी राजकुमार ने बताया कि उनके रकबे को शून्य दर्शाया जा रहा हैं, जिससे वे धान बेचने से वंचित है।
धान बेचने की धीमी गति
जारी सत्र में कुल 1,64,801 किसानों ने अपने 1,86,735 हेक्टेयर रकबे का धान बचने के लिए पंजीयन कराया है। वर्तमान में केवल 38,374 किसान ही अपना धान बेच पाए हैं। इन्होंने कुल 56,656 हेक्टेयर का 2,26,435 कुंटल धान बेचा है, जो कुल पंजीयन का लगभग 23 फीसदी है। जिले में अभी भी लगभग 77 फ़ीसदी किसानों को धन खरीदना बाकी है।
3,955 किसानों का पंजीयन अटका
एक जानकारी के अनुसार वर्तमान सत्र के दौरान जिले में 1,64,699 किसानों को ने पंजीयन कराया था। इसमें से 1,60,744 किसानों का डाटा कैरीफॉरवर्ड किया गया था। जिसमें से 1,57,934 किसानों का डाटा मिलन हो चुका है। जबकि 2,810 किसने की व्यक्तिगत जानकारी अपडेट नहीं हो पाई है। जिले में एग्रीस्टेट में कुल 3,955 किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। इसके अलावा गिरदावरी व खसरा का रिकॉर्ड में भी बड़ा अंतर आया है। बेमेतरा, सजा, बेरला और नवागढ़ में 5,175 किसानों के 9,155 खसरा में रिकॉर्ड का अंतर आया है। जिसका मिलान अभी बाकी है। खसरो के अपडेट होने के बाद किसानों की समस्या में कुछ कमी आने की संभावना है।
किसानों से 137 करोड़ की कर्ज वसूली
समस्याओं का सामना करते हुए धान बेचने वाले 38,245 किसानों को कल 536.72 करोड़ का भुगतान किया गया है। इसमें से 31,955 किसानों के खाते में 452.91 करोड रुपए की राशि आने की पुष्टि हो चुकी है। वही अभी 6,350 किसानों को 83.81 करोड़ों का भुगतान किया जाना बाकी है। धान बेचने वाले किसानों से 137.61 करोड़ की कर्ज वसूली गई है। जिसके बाद किसानों को 399.11 करोड़ का शुद्ध भुगतान हो पाया है।
कृषि उप संचालक मोरध्वज डड़सेना ने बताया कि आप पोर्टल पर संशोधन का विकल्प उपलब्ध हो चुका है, इससे किसानों की समस्याओं का निर्णय कारण पहले की अपेक्षा तेजी से हो सकेगा।


