बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 नवंबर। जिला मुख्यालय बेमेतरा से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत नवागांव के आश्रित ग्राम खुड़मुड़ी में अवैध रूप से बेचे जा रहे शराब और गांजा के कारोबार से ग्रामीण बुरी तरह से परेशान हो चुके हैं। नशे के इस बढ़ते जाल ने गांव के माहौल को बुरी तरह दूषित कर दिया है, जिसके खिलाफ एकजुट होकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग से इस अवैध कारोबार पर तत्काल स्थायी रोक लगाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि खुड़मुड़ी गांव में अवैध शराब बेचने का धंधा तेजी से पैर पसार रहा है। यह चिंताजनक है कि जिला मुख्यालय के इतने करीब होने के बावजूद स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की टीम इस क्षेत्र में प्रभावी दबिश नहीं दे रही है। अवैध कारोबार के कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है। नशे की हालत में आए दिन गांव में विवाद, गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं।
महिलाओं और बच्चों के लिए भी सुरक्षित माहौल नहीं रह गया है। नशे के कारोबारियों ने गांव के सार्वजनिक स्थलों, जैसे कि सरकारी स्कूल और गौठान तक को नशेडिय़ों का अड्डा बना दिया है। इन जगहों पर शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है, ग्रामीणों का मानना है कि यदि अवैध नशे के कारोबार पर स्थायी रोक लग जाए, तो गांव में होने वाले विवाद और मारपीट की घटनाएं स्वत: ही बंद हो जाएंगी और शांति बहाल होगी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांगा सहयोग
गांव में बढ़ते नशे के दुष्परिणामों को देखते हुए खुड़मुड़ी के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने एकजुट होकर गांव में शराब और गांजा की बिक्री को पूरी तरह से बंद कराने का संकल्प लिया है। इस निर्णय को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से सक्रिय सहयोग की मांग की है। इसी क्रम में खुड़मुड़ी के रविकुमार, राजू, रमेश, दिनेश, श्याम लाल निषाद, कमलेश निषाद समेत एक दर्जन से अधिक ग्रामीण जिला कार्यालय पहुंचे थे। प्रतिनिधि मंडल ने जिला आबकारी अधिकारी डॉ. पलक नंद से मिलकर एक आवेदन सौंपा, जिसमें गांव में अवैध शराब बेचने पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया था।
अस्थाई राहत को स्थायी करने की मांग
ग्रामीणों के आवेदन दिए जाने के बाद, प्रशासन की ओर से कुछ हद तक कार्रवाई हुई और अवैध गतिविधियों पर फिलहाल अंकुश आया है। लेकिन ग्रामीण इस अस्थायी राहत से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आबकारी विभाग से मांग की है कि इस आंशिक प्रतिबंध को स्थायी तौर पर पूरे गांव में शराबबंदी के रूप में लागू किया जाए, ताकि यह समस्या दोबारा सिर न उठा सके।
गौरतलब है कि जिले के ग्राम पंचायत जीया, बसनी, सोमईकला, समेत 10 से अधिक गांवों ने ग्राम सभा के माध्यम से पहले ही शराबबंदी का निर्णय लिया हुआ है।
जिला आबकारी अधिकारी डॉ. पलक नंद ने कहा कि जिले में शराबबंदी की घोषणा करने वाले गांवों की जानकारी जुटाई जा रही है। खुड़मुड़ी के ग्रामीणों की शिकायत मिली है और इस पर नियमानुसार कार्रवाई जरूर की जाएगी।


