बेमेतरा

कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीदी की तैयारी ठप
09-Nov-2025 11:25 PM
कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीदी की तैयारी ठप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 9 नवंबर।
जिले की सहकारी समितियों में कार्यरत लगभग 3500 कर्मचारी पिछले 6 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिसके चलते समितियों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि मात्र 8 दिन बाद (17 नवंबर से संभावित) धान खरीदी का कार्य प्रारंभ होना है, लेकिन हड़ताल के कारण खरीदी केंद्रों में तैयारियां शून्य हैं। यदि हड़ताल जल्द समाप्त नहीं हुई तो जिले में धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ाने की नौबत आ सकती है।
जिला धान उपार्जन केंद्र के करीब 3500 सहकारी समिति कर्मचारी सोमवार से अपने 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जगमोहित साहू ने बताया कि उनकी मुख्य मांगें समितियों को सूखत एवं शॉर्टेज के नुकसान से बचाने से जुड़ी हैं।
कर्मचारी संघ की मांगों को सेवा सहकारी समिति साजा के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा राठी का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें न्यायसंगत हैं और यह हड़ताल सरकार की गलत नीतियों तथा कर्मचारियों के शोषण का परिणाम है। राठी ने कहा कि इस हड़ताल का सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ रहा है। किसान अभी रबी फसल की बुआई की तैयारी में हैं, जिसके लिए उन्हें समितियों से नगद राशि, खाद और बीज लेना है। वहीं धान कटाई भी शुरू हो गई है। उन्होंने सरकार से कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनके हित में निर्णय लेने की अपील की है।
धान खरीदी के बाद समय पर परिवहन न होने के कारण विपणन संघ के सूखत (धान सूखने से होने वाला वजन कम) और शॉर्टेज की राशि समितियों के कमीशन से काट ली जाती है, जिससे समितियों को भारी नुकसान हो रहा है।
वर्ष 2023-24 और 2024-25 में धान परिवहन के बाद हुई संपूर्ण सूखत को मान्य कर राशि समितियों को दी जाए। इसके विकल्प के रूप में, यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक सप्ताह धान का संपूर्ण परिवहन हो और वर्ष 2024-25 में ‘शून्य शॉर्टेज प्रोत्साहन’ का प्रावधान किया जाए।बकमीशन और व्यय में वृद्धि: विभिन्न कमीशन, प्रासंगिक सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जाए।
शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह तीन हजार रुपये का मानदेय दिया जाए। अन्य मांगें: प्लेसमेंट की प्रथा का विरोध किया जा रहा है और सेवा नियमों में संशोधन की मांग की जा रही है।
जिला नोडल अधिकारी आरके वारे ने कहा कि हड़ताल से कामकाज प्रभावित हो रहा है। धान खरीदी शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में समितियों में तैयारियों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है।


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