बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 अक्टूबर। धर्मस्तंभ काउंसिल ने वैष्णव मठ शिक्षा अभियान की शुरुआत की घोषणा की है। इस अभियान का केंद्रीय लक्ष्य समाज के प्रत्येक बालक को शिक्षा और संस्कार से समृद्ध बनाना है। इस पहल के तहत रामजानकी मंदिर, निर्वाणी अखाड़ा, नवागढ़ के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रदास महाराज के मार्गदर्शन में 9 से 15 वर्ष की आयु के 111 बालकों को वैष्णव मठों में प्रवेश दिया जाएगा, जहां उन्हें शिक्षा, संस्कार, भोजन एवं आवास की संपूर्ण व्यवस्था नि:शुल्क प्रदान की जाएगी। 18 वर्ष की आयु के बाद अपनी योग्यता और अभिरुचि के अनुरूप सामाजिक क्षेत्रों में कार्य कर मठ से प्राप्त सनातन संस्कारों के साथ नैतिक मूल्यों से युक्त समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे। महंत सुरेंद्रदास महाराज ने कहा कि वर्तमान में केवल आधुनिक शिक्षा बच्चों के समग्र व्यक्तित्व का विकास करने में असमर्थ है। केवल परंपरागत ज्ञान उन्हें आधुनिक प्रतिस्पर्धा से दूर कर सकता है। यह योजना दोनों के बीच एक सार्थक एवं संतुलित समन्वय प्रस्तुत करती है। एक शिक्षित समाज तभी सार्थक होता है, जब उसकी बुनियाद नैतिकता, अनुशासन और आध्यात्मिक मूल्यों पर टिकी हो। मठों में दी जाने वाली वैदिक-नैतिक शिक्षा बच्चों को केवल ज्ञानी ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनाएगी। इसके साथ ही उन्होंने समतामूलक समाज का संदेश दिया। इसे उन्होंने राष्ट्र-निर्माण में एक निवेश भी बताया।
सामान्य शैक्षिक योग्यता प्रदान की जाएगी
धर्म स्तंभ काउंसिल के डॉ. रवींद्र द्विवेदी ने अभियान की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि यहां आधुनिक शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ एकीकृत कर बच्चों को सामान्य शैक्षिक योग्यता प्रदान की जाएगी। वेद, पुराण, शास्त्र, शस्त्र विद्या के साथ-साथ भक्ति और साधना का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बच्चों को शुद्ध सात्विक आहार और एक सुरक्षित, अनुशासित वातावरण में निवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। सेवा, सदाचार, अनुशासन और समाजोपयोगी जीवन के मूल्यों का समावेश होगा। सभापति डॉ. सौरव निर्वाणी ने कहा कि यह योजना केवल 111 बच्चों तक सीमित नहीं रहेगी। हमारा संकल्प है कि इसका विस्तार करके पूरे समाज के हर वर्ग, हर परिवार और हर बालक तक इसका लाभ पहुंचे। इस अभियान की अखिल भारतीय पुजारी पुरोहित संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकुमार बालादास, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ युवा इकाई के अध्यक्ष राघवेन्द्र दास ने सराहना करते हुए धर्म स्तम्भ काउंसिल को एक लाख रुपए के सहयोग भी प्रदान किया है।


