बेमेतरा

बुजुर्ग महिला ने बहू पर लगाए आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 3 सितंबर। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 1993 में मृत हो चुकी महिला ने मंगलवार को अपने परिवार के साथ कलेक्टोरेट पहुंचकर अपने जीवित होने के दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने वालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की।
मंगलवार को कलेक्टोरेट में उस वक्त लोग अचंभित हो गए, जब बिलासपुर से आई 80 साल की शैल शर्मा पति देवनारायण शर्मा बिलासपुर निवासी ने स्वयं का मृत्यु प्रमाण-पत्र दिखाते हुए जानकारी दी कि उसके मृत होने का प्रमाण-पत्र मारो पुलिस चौकी से जारी किया गया है, जिसका बेजा इस्तेमाल उसकी बहू रंजना शर्मा द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण-पत्र दिखाकर सतना में उसके पति के नाम की जमीन को फर्जी तरीके से अपने बेटी के नाम पर नामांतरण कर लिया गया है। आने वाले समय में भी इसी तरह से अन्य कार्यों में उसके फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र का दुरुपयोग होने की आशंका बुजुर्ग महिला ने की। उन्होंने फर्जी प्रमाण-पत्र जारी करने वाले व बनवाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई। बुजुर्ग ने स्वयं की उम्र अधिक होने और रोग से पिडि़त होने का हवाला देते हुए मामले की जांच जल्द कराने की मांग की।
आधार कार्ड और पासपोर्ट प्रस्तुत किया
बुजुर्ग शैल शर्मा ने स्वयं के जीवित होने के सबूत के तौर पर जारी पासपोर्ट, आधार कार्ड, पेंशन बैक खाता, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज आवेदन के साथ प्रस्तुत किए।
एमपी के समय जारी हुआ था प्रमाण-पत्र
आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेज के अनुसार आवेदन करने वाली शैल शर्मा का मृत्यु प्रमाण-पत्र एकीकृत मध्यप्रदेश के समय 2 अप्रैल 1993 को जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1963 की धारा 12/17 के अंतर्गत रजिस्टार जन्म-मृत्यु मुख्य पंजीयक के तौर पर मारो चौकी प्रभारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया था। बहरहाल फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद चर्चा में है।