बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 अगस्त। अवधेश पटेल को पं. रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर से शिक्षा में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त हुई। इस शोध का विषय था ‘मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद का शिक्षकों के व्यक्तित्व एवं जीवन शैली पर प्रभाव का अध्ययन‘। इस रिसर्च में शिक्षकों के व्यक्तित्व एवं जीवन शैली पर मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद के अध्ययन के प्रभाव का आंकलन किया गया। जो सकारात्मक पाया गया। ज्ञातव्य हो कि मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद के प्रणेता श्रद्धेय ए.नागराज अमरकंटक है, जिनके द्वारा प्रतिपादित दशर्न के आधार पर भारत देश के कई राज्यों में इंजीनियरिंग कॉलेजों व स्कूलों में मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद को चेतना विकास मूल्य शिक्षा, हैप्पीनेस करिकुलम, व ह्यूमन वैल्यूस् के नाम से अध्ययन कराया जाता है। जिसका सकारात्मक प्रभाव शिक्षकों व विद्याथिर्यों के व्यक्तित्व एवं जीवन शैली पर पाया जाता है। इस हेतु अवधेश पटेल ने शिक्षकों के व्यक्तित्व एवं जीवन शैली पर मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ के 15 जिलों से सन् 09 से 17 के मध्य मानवीय शिक्षा शोध संस्थान, (अभ्युदय संस्थान) अछोटी, दुर्ग में मध्यस्थ दशर्न सह-अस्तित्ववाद का विधिवत अध्ययन किए कुल 120 एवं अध्ययन नहीं किए हुए 120 अध्यापक, अध्यापिकाओं पर शोध अध्ययन किया।
इस शोध कार्य को शोध निर्देशिका डॉ. नीरा पाण्डेय, विभागाध्यक्ष, शंकराचार्य कॉलेज भिलाई, सह-शोध निदेर्शिका डॉ. पुष्पलता शर्मा, कल्याण कॉलेज भिलाई तथा डॉ. सुरेन्द्र पाठक अध्येता व प्रबोधक जीवन विद्या अहमदाबाद के मार्गदर्शन व सहयोग में किया गया। इस शोध कार्य को पूरा करने में पांच वर्ष का समय लगा। शिक्षा की सर्वोच्च डिग्री पी.एच.डी. अवार्ड प्राप्त होने पर अवधेश पटेल को पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.के.एल. वर्मा, डॉ. शारदा शर्मा, (अम्बा दीदी, अमरकंटक) साधन भट्टाचार्य, मानव तीर्थ, डॉ. सुरेन्द्र पाठक, अभ्युदय संस्थान से योगेश शास्त्री, सोम त्यागी, सुरेन्द्र पाल, मध्यस्थ दर्शन से जुड़े परिवार, डॉ. नीरा पाण्डेय, डॉ. पुष्पलता शर्मा, एवं समाधान महाविद्यालय परिवार के सदस्यों ने बधाई व शुभकामनाएं प्रदान किए।