बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 जुलाई। जिले के ग्राम सोनपुरी के प्राथमिक स्कूल में अतिरिक्त कक्ष व संधारण के नाम पर लाखों के खर्च किए गए हैं, पर बच्चे आज भी छत पर लगी तालपत्री के नीचे बैठते हैं।
सरकारी स्कूलों की हालत आज भी बदहाल है। सुधार के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा प्रचारित सर्वांगीण शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों की जमीनी हकीकत को देखें तो दावे दम तोड़ते नजर आ रही है। कबेमेतरा विकासखंड के ग्राम सोनपुरी की प्राथमिक शाला है, जहां स्कूल की छत तालपतरी से ढंक कर रखी गई है। भवन के जर्जर होने की वजह से 5 कक्षा के विद्यार्थियों को एक ही कमरे में पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में 56 विद्यार्थी हैं।
जिले के 727 स्कूलों में हुआ है खर्च
बताया गया है कि स्कूल जतन योजना के तहत बेमेतरा ब्लॉक में 128 स्कूल, बेरला ब्लॉक में 188, साजा ब्लॉक में 195 व नवागढ़ ब्लॉक के 216 स्कूल भवन संधारण, जीर्णोद्धार, अतिरिक्त कक्ष के नाम पर अलग-अलग सत्र में जारी किए गए करीब एक अरब रुपए का खर्च किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग व समग्र शिक्षा द्वारा स्वीकृत किए गए बजट से सभी कार्य किए गए थे।
जनप्रतिनिधि भी परेशान
जर्जर भवन की जानकारी मिलने पर क्षेत्र के जनपद सदस्य दीपक सिंह दिनकर और जनपद उपाध्यक्ष मिथलेश वर्मा ने स्कूल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। दोनों जनप्रतिनिधियों ने स्कूल भवन की जर्जर स्थिति पर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
छत टपकता है इसलिए लगी तालपत्री
प्राथमिक शाला में पदस्थ प्राचार्य अवकाश पर हैं। वहीं शिक्षक देवकुमार निषाद ने बताया कि स्कूल का भवन 3 दशक से भी पुराना है। अब छत से पानी टपकने लगा है, जिसकी वजह से ऊपर तालपतरी लगाई गई है। नए भवन के लिए स्टीमेट बनवाया जा रहा है। सक्षम अधिकारियों को स्थिति की सूचना दे दी गई है।