बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 अगस्त। अगस्त के दूसरे सप्ताह में हुई बारिश भले ही जन जीवन अस्त-व्यस्त हुआ पर नवागढ़ ब्लॉक में एक नया रिकॉर्ड बन गया जो क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है। अस्सी के दशक में या इससे पहले ब्लॉक में राहत मद से ब्लॉक में दो दर्जन जलाशय बने।
जलाशय बनने के बाद जुलाई 2022 तक रिकार्ड यही बताता है कि कभी आधा दर्जन जलाशय लबालब नही हुए लेकिन अगस्त 2022 में रिकार्ड यह बता रहा है कि ब्लाक के पन्द्रह टैंक लबालब है। जलसंसाधन विभाग ने 15 अगस्त को जो सूची उपलब्ध कराया उसके अनुसार धनोरा जलाशय, कामता जलाशय, झाल जलाशय, सल्हेघोरी जलाशय, अमोरा जलाशय, खैरा जलाशय, खेड़ा नम्बर वन जलाशय,मोतिमपुर जलाशय, गोढ़ी कला जलाशय, गनियारी जलाशय, गोढ़ी कला तारबाँध ,गिधवा जलाशय न दो, लालपुर जलाशय ,बेलदहरा जलाशय, गिधवा तालाब रेनो न वन में शतप्रतिशत जलभराव है, मोहलाइन तालाब, पुटपुरा तालाब, खेड़ा नम्बर दो में 75 फीसदी से अधिक जलभराव है।
बेमेतरा जिले में कुल 110 स्कीम है जिसमे 100 में जलभराव हुआ है 42 में शतप्रतिशत भराव पहलीबार हुआ है 20 में 75 फीसदी से अधिक जलभराव है, 22 में 50 फीसदी से अधिक भराव है, 16 में 50 फीसदी से कम है।
रवि फसल के लिए वरदान
नवागढ़ ब्लाक में 62 फीसदी जलाशय लबालब होने से इसका लाभ रवि फसल में मिलेगा भूजल स्तर में सुधार व नमी से चना गेंहू की बेहतर फसल की उम्मीद है, विजय सोनी ने बताया कि 22 जलाशय में जलसंग्रहण नवागढ़ ब्लाक के इतिहास में पहली बार हुआ है सिंचाई का रकबा भी बढ़ा हरेक दृष्टि से अनुकूल स्थिति है, सोनी ने कहा कि गिधवा सहित उसके आसपास जलाशय में भराव से पक्षी विहार योजना को गति मिलेगी जो परिंदे दिन में गिधवा के निकट पोखर नाला व तालाबो में दाना पानी के लिए निकलते है उन्हें भटकाव की जगह ठहराव मिलेगा, कामता, खेड़ा, पुटपुरा सहित कई जलाशय के कुछ हिस्से अतिक्रमण में है उसे तत्काल मुक्त कराया जाए जिससे छेडख़ानी बंद हो सके।सतत निगरानी कर जलसंग्रहण की दिशा में लोगो को सजग किया जाए।