बस्तर

जगदलपुर, 1 अप्रैल। जिला अन्तर्गत पारदर्शी जवाबदेह व जनोन्मुखी प्रशासन की बेहतर व्यवस्था स्थापित करने के लिए कमिश्नर बस्तर जीआर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किए है। कमिश्नर ने शासन की महत्वपूर्ण लोक कल्याणकारी योजनाओं को शतप्रतिशत क्रियान्वित के लिए पारदर्शी, जवाबदेह एवं जनोन्मुखी आवश्यक मानते हुए जिलों में बेहतर प्रशासनिक समन्वय व सहयोग का वातावरण बनाने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने एनजीजीबी के कार्यों को कार्य योजना अनुसार शत-प्रतिशत रूप में कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करने कहा। लोक प्रयोजन के स्थल जैसे श्मशान घाट, कब्रिस्तान, हॉट बाजार स्थल, सडक़-रास्ते, धरसा तालाब मेढ़पार का जल क्षेत्र, देवस्थल सावर्जनिक परिसर, शासकीय परिसरों, लैम्प्स समितियों के परिसर आदि से सर्वोच्च प्राथमिकता में कब्जा हटाकर इन स्थलों का बेहतर निर्माण एवं प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
कमिश्नर ने कहा कि जिलों में वन महोत्सव का व्यापक आयोजन कर वृक्षारोपण कार्यक्रम को संपादित करने तथा समस्त शासकीय, अशासकीय परिसरों, किसानों, ग्रामीणों व शहर वासियों के मकान परिसरों, शासकीय नर्सरी में शत्-प्रतिशत पौधे लगाने कहा है। जिले के अन्तर्गत समस्त गावों व शहरों में निर्मित जल संरचनाओं यथा तालाब, डबरी, जलाशय, टारबांध, डायवर्सन, एनीकट, स्टापडेम, कुआं आदि का संरक्षण, जीर्णोधार करने कहा।
श्री चुरेन्द्र ने जिले में अवैध माईनिंग पर नकेल कसने, नदी-नालों की सतह में ट्यूबवेल नहीं खोदने और पूर्व में जो ट्यूबवेल खोदा गया है उससे धान फसल नहीं लिया जाये, उसका उपयोग मात्र पेयजल प्रयोजन में हो, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित किया जावे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशा के मुताबिक लोक सेवा गांरटी अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन, वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र के लंबित आवेदनों का निराकरण समय-सीमा करने तथा वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त परिवारों को वन भूमि का उपयोग समग्र विकास पर्यावरणीय, इकोलॉजिकल विकास की दृष्टि किया जाए। वर्तमान में उन भूमियों पर खड़े वृक्षों को बिना क्षति पहुचायें वहाँ भूमि समतलीकरण कुआं, डबरी, चेकडेम का निर्माण कर इन स्थलों पर फलदार व औषधि पौधों का रोपण, मत्स्यपालन कार्य या कंदमूल, फल का उत्पादन, वनोषधि उत्पादन आदि कार्यो को बढावा दिया जाए। ग्राम पंचायत में पंचायती राज व्यवस्था में बहुत कुछ सुद्वढ़ीकरण करने की आवश्यकता बताते हुए ग्राम विकास एवं न्याय समिति का गठन व उसका क्रियान्वयन किया जाए। इस समिति के माध्यम से शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण रोकने प्रभावी कार्यवाही की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के पहाड़ी पठारी क्षेत्र, अपलैंड एरिया में कंटूर बेसड बड़े व मध्यम सिंचाई तालाब का निर्माण मनरेगा व अभिशरण से विशेष पहल किया जाए।
जिला के अंतर्गत विभिन्न विभागों के पुराने जीर्ण-शीर्ण जर्जर भवनों को अभियान में निपटारा करने के लिए पहल किया जाए और वहां पर नया निर्माण हेतु पहल किया जाए। जिला अंतर्गत जाति, आय, निवास, प्रमाण पत्र के मामले लंबित न रहे, इस हेतु सेक्टर मुख्यालयों में पाक्षिक, मासिक शिविर आयोजित कर कार्य संपादित करें। स्वास्थ्य सेवा को बेहतर किए निरीक्षण व्यवस्था को दूरूस्त करने हेतु प्रभारी अधिकारी बनाकर कार्यवाही करें। संवेदनशील प्रशासन की व्यवस्था बनाने व जन परिवेदनाओं का व्यवहारिक समाधान हेतु बाजार चैपाल व ग्राम चैपाल की व्यवस्था पर कार्ययोजना बनाकर सर्वोच्च प्राथमिकता में क्रियान्वयन किया जाए। जिला प्रशासन की प्राथमिकता के रूप में नियत कर संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों को अलग-अलग का नोडल अधिकारी बनाया जाए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भी अपने संबंधित विषय में नोडल अधिकारी रहेंगे। अनुविभाग अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उपर्युक्त विषय पर प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विशेष दायित्व सौंपा जाए।