बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 9 दिसंबर। पुलिस अभिरक्षा में पूर्व जिलाध्यक्ष की मौत के बाद सर्व आदिवासी समाज के बंद के आव्हान पर बस्तर बंद रहा। सुबह से ही चौक चौराहों पर पुलिस तैनात दिखे।
चार दिसंबर को कांकेर जिले के आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष की मौत को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने बंद का आव्हान कर दिया। इस घटना के बाद से पूरे बस्तर संभाग में शांति पूर्ण तरीके से बंद का आव्हान करते हुए इस मामले में सहयोग करने की बात कही है।
बंद के आव्हान को लेकर सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष गंगा नाग ने बताया कि कांकेर जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर को फर्जी तरीके से फंसाते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया, जहाँ पर उनका स्वास्थ्य खराब हो गया, स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी पुलिस ने परिजनों को नही दी, इसके अलावा जीवन ठाकुर को कांकेर से रायपुर केंद्रीय जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जहाँ खराब हालत में भी उन्हें जमानत नही मिली, साथ ही सही उपचार न मिलने के कारण 4 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। मौत की खबर भी परिजनों को 5 दिसंबर को पता चला, जिसके बाद परिजन रायपुर पहुँच शव को लाया गया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आदिवासी समाज के द्वारा मांग रखी गई है कि तहसीलदार चारामा, टीआई चारामा, जेल अधीक्षक कांकेर, रायपुर आदि के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किया जाए, साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
आदिवासी समाज के द्वारा इस मामले को लेकर एक बैठक आहुत किया गया था, जिसमें मंगलवार को नगर बंद शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है। इस मामले को लेकर बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स, कांग्रेस पार्टी, आदिवासी समाज के अलावा अन्य लोगो ने भी अपना समर्थन देते हुए शांति पूर्ण तरीके से अपनी दुकानें बंद रखने की बात कही है।


