बलरामपुर

अन्धविश्वास पर बच्चे की बलि, आरोपी गिरफ्तार
16-Jul-2025 10:53 PM
अन्धविश्वास पर बच्चे की बलि, आरोपी गिरफ्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजपुर/सामरी, 16 जुलाई। अपने बच्चे की बीमारी ठीक हो जाने के अन्धविश्वास पर 3 वर्षीय बच्चे की बलि देने वाला  आरोपी आज पुलिस के हत्थे चढ़ा।  नाबालिक बच्चे को मिठाई बिस्किट देने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने घर ले जाकर लोहे की छूरी से बच्चे की गर्दन को रेतकर हत्या करने वाले आरोपी को थाना सामरीपाठ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस ने बताया कि प्रार्थी बिरेन्द्र नगेसिया सबाग, पारा सुलुंगडीह, थाना सामरीपाठ ने  6.04.2024 को थाना सामरीपाठ में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 29.03.2024 को अपनी पत्नी व बच्चों के साथ महुआ फूल उठाने ग्राम झलबासा जंगल गया था, वहाँ पर झाला-झोपड़ी बनाकर डेरा किये थे। दिनांक 01.04.2024 को सुबह प्राथमिक शाला सबाग रसोई का काम करने गया था स्कुल की छुटट्टी के बाद वापस झलबासा डेरा आया तब पत्नी दयामुनी बताई कि हमारा लडक़ा अजय नगेसिया, जितन नगेसिया के बच्चों के साथ डेरा के बगल में महुआ पेड़ के नीचे खेल रहा था। मैं बगल में नदी के किनारे करेला तोडऩे गयी, वापस आयी और तो देखी बच्चा वहाँ पर नहीं थे। बताने के बाद से हम दोनों पति-पत्नी आस-पास गांवों में, जंगल और नदी-नाला सब तरफ खोजबीन किये तो कहीं कोई पता नहीं चला।

 प्रार्थी की सूचना पर थाना सामरीपाठ में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने गुम बालक का पता तलाश लगातार किया जा रहा था, पतासाजी विवेचना दौरान यह तथ्य आया कि आरोपी राजू कोरवा के पास मृतक के दादा और झलबासा निवासी झल्लू के साथ गुम बालक अजय नगेसिया को खोजने के लिये तंत्र-मंत्र बोलने पर आरोपी राजू द्वारा बताया गया कि बड़ा पूजा करना पड़ेगा तब मिलेगा।इसकी जानकारी पुलिस को मिलने पर आरोपी राजू कोरवा को तलब कर पूछताछ किया गया तो वह बताया कि नशे की हालत में होने से ऐसा बोल दिया था। आरोपी राजू कोरवा पूछताछ में बार-बार अपने बयान बदल रहा था, तथा अलग-अलग बयान देकर पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा था।इसी बीच पुलिस को ग्रामीणों द्वारा घटना के संबंध में आवश्यक सुराग देने पर आरोपी राजू कोरवा को पुन: तलब कर कड़ाई से पूछताछ किया गया।

पूछताछ पर आरोपी राजू कोरवा द्वारा घटना घटित करना स्वीकार करते हुये बताया कि मेरा बड़ा लडक़ा बचपन से ही मिर्गी बीमारी एवं मानसिक रूप से कमजोर है। महादानी देवता को आदमी बच्चा का बली देने से मेरा लडक़ा ठीक हो जायेगा का मन बना लिया था। घटना दिनांक को ग्राम झलबासा रास्ता में गुम बालक अजय नगेसिया उम्र करीब 2.5 से 03 वर्ष अकेला दिखा जिसे मैं मिठाई बिस्कुट दूंगा कहकर बहला फुसलाकर गोद में उठाकर अपने घर ले जाकर उसी दिन लोहे की छूरी से लडक़ा का गर्दन को काटकर हत्या कर दिया और धड़ को बोरा में डालकर बोड़ादह कोना नाला में ले जाकर उसी रात जला दिया तथा उसके सिर को 03 दिन तक अपने घर में छिपाकर रखा था। जब मृत बालक का परिजन बच्चे को खोजने लगे तब मैं बच्चे के सिर को कपड़ा में लपेटकर बोइदहा नाला के पास ले जाकर गड्ढा खोदकर दफन कर दिया और उपर से मिट्टी पाटकर 04-05 पत्थर उपर में रख दिया और लोहे की छूरी को अपने घर में रखा हूँ। आरोपी द्वारा बताने के बाद शव उत्खनन की कार्यवाही के लिये कार्यपालिक दण्डाधिकारी कुसमी को पत्राचार कर तहसीलदार सामरी की उपस्थिति में शव उत्खनन की कार्यवाही कराया गया। उत्खनन में गुम बालक अजय नगेसिया के सिर को आरोपी के द्वारा जमीन के करीब 02 फीट नीचे कपड़े में लपेटकर दफन कर दिया गया था जिसको निकलवाकर देखने पर खोपड़ीनुमा हड्डी के अवशेष मिले जिसे मौके पर से जब्ती  किया गया तथा आरोपी के बताये अनुसार घटना में प्रयुक्त लोहे की छूरी को उसके घर से बरामद किया गया। आरोपी राजू कोरवा  को धारा 302, 201 भादवि के तहत गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है।


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