बलरामपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 20 अप्रैल। प्रशासन की सक्रियता से कई गांवों में बाल विवाह रुकवाया गया।
जिले के विकासखंड कुसमी अंतर्गत 2 ग्राम पंचायतों में बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पुलिस विभाग के सहयोग द्वारा बाल विवाह रुकवाया गया। नाबालिगों के परिवारवालों और रिश्तेरदारों को समझाइश दी गई कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही उन्हें बताया गया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत बाल विवाह में सम्मिलित लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इसके साथ ही विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम पंचायत में भी दो नाबालिग बालिकाओं के बाल विवाह की सूचना मिलने पर विवाह को रोका गया और सही उम्र होने पर ही बच्चों के विवाह करने की समझाइश दी गई।
जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता लाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक किया जा रहा है। आगामी अक्षय तृतीया जैसे पर्वों के दौरान संभावित बाल विवाह आयोजनों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सतर्कता बरती जाएगी जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थ विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी ,महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बाल विवाह रोकथाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
महिला बाल विकास विभाग अधिकारी बसंत मिंज ने बताया कि किसी को भी अपने आस-पास बाल विवाह की सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल कर सूचना दे सकते हैं।
जिला प्रशासन ने अपील भी की है कि सभी लोग बाल विवाह रोकने में सहयोग करें।