बलरामपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 4 अप्रैल। बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में चार दिवसीय चैती छठ उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद संपन्न हो गया। लोक आस्था का महापर्व के आखिरी दिन व्रतियों ने छठी मइया की आराधना करके परिवार की मंगल कामना की।
एक अप्रैल को नहाय- खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व शुक्रवार की सुबह के अघ्र्य के साथ संपन्न हो गया। छठ व्रतियों ने निर्जला व्रत के बाद पारण किया। पुलिस बल और नगर पालिका की ओर छठ घाट में पूजा को लेकर कई इंतजाम किए गए थे।
शुक्रवार को रामानुजगंज की जीवनदायिनी कन्हर नदी के तट पर श्रद्धालु सुबह 5 बजे जुटना शुरू हो गए थे। पुरुष और महिलाओं ने अपने सिर पर फल की टोकरी रख छठ घाट की ओर जाते दिखे। 6 बजे जैसे ही सूर्य की पहली किरण दिखाई दी व्रतियों ने अघ्र्य देकर पूजा संपन्न की। इसके बाद व्रतियों ने 48 घंटे बाद निर्जला व्रत तोड़ा। रामानुजगंज निवासी व्रती आरती राज बताती हैं कि यह पर्व हिंदू के लिए आस्था का प्रतीक है। छठी मईया सभी की मनोकामना पूरी करती हैं। आज सुबह के अघ्र्य के बाद लोक आस्था का महापर्व संपन्न हो गया है। रामानुजगंज की उत्तरवाहिनी कन्हर नदी में आज हम सभी व्रतियों ने 48 घंटे का निर्जला व्रत खत्म किया है। सब खुशी और स्वस्थ रहें यही मां से मनोकामना है।