बलरामपुर

जो कभी शासकीय आयुर्वेद औषधालय में गए ही नहीं उनका भी नाम फर्जी तरीके से ओपीडी के रजिस्टर में दर्ज
07-Aug-2024 10:34 PM
जो कभी शासकीय आयुर्वेद औषधालय में गए ही नहीं उनका भी नाम फर्जी तरीके से ओपीडी के रजिस्टर में दर्ज

बीएमओ पहुंचे अस्पताल, जांच में गड़बड़ी मिली, स्टाफ को फटकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजपुर,7 अगस्त। बलरामपुर जिले के राजपुर में संचालित शासकीय आयुर्वेद औषधालय में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस अस्पताल के ओपीडी रजिस्टर में मरीजों का नाम फर्जी तरीके से एंट्री किया जा रहा है। जो लोग कभी अस्पताल इलाज कराने गए ही नहीं, उनका भी नाम यहां के ओपीडी रजिस्टर में दर्ज है और बाकायदा बीमारी का नाम और उनके नाम पर दवाई वितरण भी किया गया है। इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है

राजपुर के बस स्टैंड के ठीक बगल में आयुर्वेद अस्पताल संचालित है, लेकिन सामने नगर पंचायत की दुकान बनी हुई है इसलिए यह ठीक से दिखाई भी नहीं देता है। आज जब इस अस्पताल में पहुंचे तो देखा कि अस्पताल में डॉक्टर मौजूद ही नहीं थे। इसके अलावा सिर्फ स्टाफ के भरोसे यह अस्पताल संचालित हो रहा था।

डॉक्टर पिछले कई दिनों से अस्पताल में नहीं पहुंचे हैं। इसके अलावा अस्पताल का कोरम पूरा करने के लिए मरीजों की ओपीडी रजिस्टर में फर्जी तरीके से मरीजों का नाम लिखा गया था। जो लोग कभी अस्पताल आये ही नहीं या फिर जिन्हें कोई बीमारी ही नहीं है उनका भी नाम इस ओपीडी रजिस्टर में एक नहीं बल्कि कई बार दर्ज था। जब ओपीडी रजिस्टर की जाँच की तो आज के दिनांक में राजपुर के पत्रकार अरुण सोनी का नाम दर्ज मिला,जिसके बाद रजिस्टर के जाँच में कई नाम ऐसे पाए गए, जो कभी औषधालय आये ही नहीं थे न ही कभी कोई दवाइयां ली है।

इस मामले में बलरामपुर के सीएमएचओ डॉ. बसंत सिंह से जब फोन पर चर्चा की तो उनके निर्देश पर बीएमओ डॉ. रामप्रसाद तिर्की अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने भी जांच के दौरान पाया कि फर्जी तरीके से लोगों का नाम मरीज की जगह दर्ज किया गया है।

 उन्होंने मौके पर ही अस्पताल में मौजूद स्टाफ को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यह किसलिए किया गया है इसकी जांच होगी और उच्च अधिकारियों को वह इसकी जानकारी देंगे। इसके अलावा उन्होंने डॉक्टर के नहीं आने पर उपस्थिति रजिस्टर में अब्सेंट भी लगाया।

शासकीय आयुर्वेद अस्पताल में वर्तमान में पाँच स्टाफ ड्यूटी पर हैं जिसमें डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, फार्मासिस्ट संजय कुजूर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अल्का दास एवं दो औषधालय सेवक धनकुमारी एवं जयप्रकाश सोनी पदस्थ हैं। आयुर्वेद अस्पताल में सरकार लाखों रुपए खर्च करती है दवाइयां भी भेजी जाती हैं लेकिन पर्दे के पीछे किस तरह का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, इसका नमूना यहां देखने को मिला है।


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