बलरामपुर

परसा कोल प्रभावित गांवों में पेड़ों की कटाई का ग्रामीणों ने किया विरोध, कटाई रोकी
26-Apr-2022 8:14 PM
परसा कोल प्रभावित गांवों में पेड़ों की कटाई का ग्रामीणों ने किया विरोध, कटाई रोकी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर, 26 अप्रैल।
कोल प्रभावित ग्राम साल्ही जनार्दनपुर में वन अमला द्वारा पेड़ों की कटाई का काम मंगलवार को शुरू किया गया, जिसका साल्ही, हरिहरपुर और फतेहपुर के ग्रामीणों ने जमकर विरोध दर्ज कराते हुए पेड़ों की कटाई का काम रोक दिया है।

एक ओर जहां सरगुजा जिले के ग्रामीणों द्वारा परसा कोल खदान का लगातार विरोध किया जा रहा है। धरना प्रदर्शन भी जारी है तो वहीं इसी कोल परियोजना के सूरजपुर जिले में आने वाले प्रभावित ग्राम जनार्दनपुर के जंगल में कटाई का काम मंगलवार को वन विभाग द्वारा शुरू किया गया था। कुछ ही घंटों में वन अमला ने  300 पेड़ काट डाले।

लोगों की जब आंख खुली तो देखा कि चारों और जंगल में पेड़ कटे हुए पड़े हुए हैं, इसे देखते हुए ग्रामीणों का आक्रोश भडक़ उठा और पेड़ों की कटाई में लगे लोगों को पेड़ काटने से सैकड़ों की संख्या में इक_ा होकर मना किया।

पेड़ काटने से रोके जाने के बाद सूरजपुर जिला प्रशासन के लोग ग्राम साल्ही-जनार्दनपुर के जंगल पहुंच गए और ग्रामीणों से बातचीत करने लगे, परंतु प्रशासन और ग्रामीणों के बीच बातचीत का नतीजा नहीं निकला। ग्रामीणों ने एक सुर में कहा हम किसी भी सूरत में जंगल नहीं कटने देंगे। विदित हो कि सरगुजा जिले का साल्ही और सूरजपुर जिले का जनार्दनपुर का जंगल आपस में लगा हुआ है।

इस बारे में बात करने पर रामानुजनगर वन परिक्षेत्राधिकारी आरसी प्रजापति ने बताया कि मंगलवार को लगभग 300 पेड़ों की कटाई की गई है। ग्रामीणों द्वारा विरोध किये जाने के बाद पेड़ों की कटाई का काम फिलहाल बंद किया गया है।

कुल 1586 पेड़ों को काटे जाने की बात भी वनपरिक्षेत्राधिकारी द्वारा बताई गई है। साथ ही उन्होंने कहा उच्चाधिकारियों से निर्देश प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम साल्ही जनार्दनपुर जंगल में इस दौरान लगभग 50 से अधिक की संख्या में पुलिस बल चौकी तारा प्रभारी के नेतृत्व तैनात रहे। बातचीत के लिए पहुंचे अधिकारियों में एसडीएम सूरजपुर, एसडीओपी प्रेमनगर, तहसीलदार तथा अन्य लोग मौजूद रहे।

गौरतलब है कि सरगुजा जिला के उदयपुर विकास खण्ड में प्रस्तावित परसा कोयला खदान को छत्तीसगढ़ के वन विभाग से मंजूरी मिलने के बाद यहां राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम कंपनी 841.538 हेक्टेयर वन भूमि पर कोयले की खुदाई करेगी। परसा कोल खदान परियोजना से कंपनी पांच लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष कोयला उत्खनन करेगी। परियोजना प्रारंभ करवाने वन विभाग पेड़ों की गिनती करके पेड़ों को कटवा रही है जिसके कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है, वहीं ग्रामीण कई दिनों से कोल खदान का विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों द्वारा कोल खदान के विरोध में लगातार धरना दिया जा रहा है, चिपको आंदोलन करके पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं वन अमला द्वारा मंगलवार को तडक़े 4 बजे भोर में मशीनों से पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिससे कोल प्रभावित ग्राम के नाराज ग्रामीणों ने कटाई पर रोक लगाया है।


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