बलरामपुर

ऑपरेशन के बाद दोनों किडनी फेल, 200 से अधिक बार डायलिसिस
29-Mar-2022 8:08 PM
ऑपरेशन के बाद दोनों किडनी फेल, 200 से अधिक बार डायलिसिस

पत्नी ने दी किडनी, स्वस्थ हो नियमित ड्यूटी कर रहे

रामानुजगंज, 29 मार्च। दुआ एवं दवा व लोगों के जन सहयोग से जिंदगी एवं मौत के बीच 4 वर्ष  तक जंग लडऩे के बाद आखिरकार जीत जिंदगी की हुई। यह हुआ शिक्षक प्रमोद कुमार पाठक के साथ, जिनकी दोनों किडनी फेल होने के बाद 200 से अधिक बार डायलिसिस हुआ। चारों तरफ जब अंधकार के बादल छा गए, उस समय प्रमोद के हौसला हिम्मत ने जिंदगी की डोर को थामे रखी। आखिरकार पत्नी के द्वारा किडनी दान देने के बाद आज स्वस्थ जिंदगी जी रहे है एवं नियमित ड्यूटी भी कर रहे हैं। आज प्रमोद पाठक की पहचान आदर्श शिक्षक के रूप में भी है।

  ग्राम पंचायत भवरमाल में रहने वाले प्रमोद पाठक को सन 2013 में अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था, इस दौरान अधिक डोज में एनएसथीसिया देने से 3 दिनों तक लगातार बेहोश रहे व दोनों किडनी फेल हो गई, उन्हें 200 बार से अधिक डायलिसिस से गुजारना पड़ा। धीरे-धीरे इनकी स्थिति बिगड़ते जा रही थी व आर्थिक रूप से भी पूरा परिवार टूटते जा रहा था। इस बीच लखनऊ पीजीआई में भर्ती हुए ,जहां इन्हें किडनी प्रत्यारोपण के लिए सलाह दिया गया उचित जांच के पश्चात इनकी पत्नी सरोजिनी पाठक के द्वारा किडनी दान देने का निर्णय लिया गया। किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद भी प्रमोद पाठक की जिंदगी एवं मौत से जंग जारी रही। कई बार किडनी फेलुवर की स्थिति बनी रही। परिवार के लोग बार-बार हौसला टूट रहा था परंतु प्रमोद कभी अपना हौसला टूटने नहीं दिए, हमेशा सकारात्मक विचार से अपना इलाज कराते रहे एवं अंतत: का दवा एवं दुआ दोनों काम आए और किडनी ट्रांसप्लांट सफल हुआ।

प्रमोद पाठक के इलाज के दौरान बहुत पैसा खर्च हुआ किडनी ट्रांसप्लांट के समय तो ऐसी स्थिति हो गई कि परिवार एक एक के लिए मोहताज हो गया, ऐसी स्थिति में विधायक बृहस्पत सिंह, आबकारी उप निरीक्षक रंजीत गुप्ता, सहित पढ़ाई हुए विद्यार्थियों के द्वारा व अन्य लोगों के द्वारा  आर्थिक मदद प्रदान की गई जो प्रमोद पाठक के लिए संजीवनी का काम किया। 8 जनवरी 2019 को किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। और आज स्वस्थ जिंदगी प्रमोद पाठक जी रहे हैं।

आदर्श शिक्षक के रूप में है पहचान
 प्रमोद पाठक ग्राम पंचायत भवरमाल प्राथमिक शाला में पदस्थ है जहां उनकी पहचान एक आदर्श शिक्षक के रूप में है जिंदगी एवम मौत से 4 साल तक जंग लडऩे के बाद जब वे दोबारा स्वस्थ होकर आए तो पुन: अपने शिक्षकीय दायित्व  कार्य में पूरी तन्मयता से लगे हैं जिस कारण उनकी क्षेत्र में अलग पहचान है।

पत्नी ने भी किडनी दान कर मिसाल पेश किया
प्रमोद पाठक की 36 वर्षीय पत्नी सरोजिनी पाठक के द्वारा तत्काल अपने पति को किडनी दान देने का फैसला लिया व किडनी दान किया जिसके बाद वह भी पूर्णता आज स्वस्थ है। सरोजिनी पाठक ने बताया कि किडनी दान देने के बाद उन्हें आज तक कोई दिक्कत नहीं हुआ।

आईसीयू में थे तब बनाई थी नर्स की बेटी की जन्म कुंडली, प्रभावित होकर मुफ्त में दी दवाइयां
जब प्रमोद पाठक लखनऊ पीजीआई में आईसीयू में भर्ती थे, इस दौरान उनकी सेवा कर रही नर्स भारती निगम की पुत्री का जन्म कुंडली बनाया था, जिससे भारती निगम इतना प्रभावित हुई थी कि दवाइयां उसके द्वारा मुफ्त दी गई। प्रमोद पाठक का ओस्टियोलॉजी एवं हिंदू कर्मकांड में अच्छी पकड़ है।


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