बलौदा बाजार

अनुपम छटा बिखेरती शीत बाबा झरना
11-Jul-2021 5:52 PM
अनुपम छटा बिखेरती शीत बाबा झरना

दूर-दूर से सपरिवार पहुंच रहे दर्शनार्थी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 11 जुलाई।
प्राकृतिक सुंदरता और विचित्रता को संजोए कसडोल विकासखंड की गाथा अविस्मरणीय है। यह वह पावन धरा है, जिसने सतनाम पंथ के प्रवर्तक परमपूज्य गुरु घासीदासजी की जन्मभूमि गिरौदपुरी धाम स्थित है। वहीं छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण सिंह की जन्म स्थली वीर भूमि सोनाखान भी मौजूद है। 

कसडोल क्षेत्र का 75 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है, जिसमें अनेकों ऋषिमुनियों तपस्वियों की तपोस्थली के अलावा प्राकृतिक विचित्रता सौंदर्यता को संजोए स्थल है। जिसे देखने दूर दूर से देखने सपरिवार मित्रमण्डली के साथ पहुंचते हैं और अनुपम मनमोहक दृश्यों को देख परम् आनन्द का अनुभव कर उसी के होकर रह जाते हैं। इसी क्रम में शीत बाबा जल प्रपात है। जहां दूर दूर से लोग शांति और सुख का आनंद लेनें भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

शीत बाबा प्राचीन तपोस्थली रहा है
कसडोल मुख्यालय से मात्र 10 किलो मीटर दूरस्थकसडोल पिथौरा मुख्य सडक़ मार्ग पर शीत बाबा झरना स्थित है। सैकड़ों साल से चली आ रही किवदंती है कि चारों तरफ घने जंगलों से आच्छादित उक्त स्थल पर शीत बाबा नाम के साधु ने तपस्या की थी, जिसके नाम पर इसे जाना जाता है। यहां पर प्राकृतिक 100 फीट करीब गहरी खाई में जल प्रपात के रूप में पानी गिरता है। चूंकि इसका जल स्रोत जंगल से निकला एक नाला है। वर्षात के 6 से 8  माह जलप्रपात की धारा तीव्र बनी रहती है, जो दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसे देखने न सिर्फ बलौदाबाजार महासमुंद जांजगीर चांपा सटा जिला अपितु अन्य जिलों प्रदेशों के लोग पहुंचते हैं। कोरोना काल में प्रतिबंध के कारण जून तक वीरानी छाई थी। किन्तु ढील होने से अब लोग पहुंचने लगे हैं ।

पिकनिक स्पॉट का रूप ले रहा स्थल
प्राचीन काल में घने जंगलों से घिरा शीत बाबा जल प्रपात पिछले तीन चार दशकों से लगातार सुर्खियों में आता रहा। लोगों की भीड़ बढ़ती गई और आज पर्यटन स्थल पर तब्दील हो गया है। बलौदाबाजार वनमण्डल के वन परिक्षेत्र सोनाखान के अंतर्गत जलप्रपात स्थल आता है। जहां वन विभाग द्वारा लोगों की बढ़ती भीड़ की वजह से विकास के काम भी हुए हैं। मुख्य सडक़ से 2 किलोमीटर सीसी रोड बना हुआ है। यात्रियों के लिए पक्का विश्राम शेड बने हुए हैं जहां साथ में लाएं भोजन स्वल्पाहार अथवा भोजन पकाकर खा सकते हैं। पेयजल हेतु हैण्ड पम्प भी स्थापित है। इसके अलावा बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने पिकनिक स्थल पर बेरियर स्थापित है। जहां सुबह से देर शाम वन कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।

पर्यटन स्थल पर दर्शनीय स्थल
काफी पहले से प्राचीन शिव लिंग था जिसे मंदिर का स्वरूप दिया गया है ।दर्शनार्थी पर्यटक स्नान कर अथवा घर से तैयारी कर भगवान शिव की पूजा करने के बाद मनोरम दृश्य का प्रत्यक्षावलोकन करते हैं। जल प्रपात बहते नाले के दूसरे छोर पर स्थित है ।जिसे पारकर लोग नजदीक पहुंचते हैं। करीब 100 फीट से अधिक गहरी खाई में गिरती जल प्रपात के भूमि तल तक पहुंचने पक्का सीढ़ी बनाया गया है। अधिक वर्षा के कारण चट्टान के ऊपर से बहते पानी में फिसलन की आशंका बनी रहती है। जिससे पार करने के बजाय इसी छोर से जलप्रपात का आनन्द लेते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग द्वारा दुर्घटना को रोकने चारों ओर लोहे का जालीदार बेरिकेट्स बना दिया गया है। साथ ही चारों तरफ घने जंगलों की मनोहारी दृश्य को देखने लुफ्त उठाने सुरक्षित टावर का निर्माण भी किया गया है। पर्यटन स्थल की बढ़ती भीड़ को देखते हुए नगर कसडोल सहित आसपास के ग्रामीण युवकों ने जलप्रपात स्थल पर एक गार्डन का निर्माण किया हुआ है, जो जलप्रपात स्थल की सुंदरता में चार चांद लगा दिया है ।

शीत बाबा स्थल पर अभी और विकास की जरूरत 
वन विभाग ने भले ही यहां लाखों करोड़ों का विकास किया है, किंतु बढ़ती लोक प्रियता के मद्देनजर पर्यटन स्थल पर लोगों ने शुद्ध पेयजल हेतु नलजल योजना तथा कोल्ड जल मशीन की आवश्यकता महसूस की है । 

इसके अलावा पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए परिवार के लिए विश्राम कक्ष एवं सटा भोजन कक्ष निर्माण की जरूरत जताई है। साथ ही पर्याप्त और शेड निर्माण लोगों ने जरूरी बताया है। पर्यटकों की सबसे अहम शिकायत जिस नाले की रपटा पार कर जलप्रपात तक जाया जाता है, उसमें चट्टान से ऊपर पानी बहने से काई जमने से फिसलन की आशंका बनी रहती है।  जिस पर पल बनाने की आवश्यकता है, ताकि हमेशा के लिए जान जोखिम से बचा जा सके

इस संबंध में परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान गोविंद सिंह राज पूत एवं उप वनमण्डल अधिकारी विनोद सिंह ठाकुर ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मुख्य सडक़ किनारे स्थित कौहापानी जल स्रोत जो कभी खाली नहीं होता। जिसे पाताल गंगा के नाम से भी जाना जाता है शीत बाबा जल प्रपात के साथ विकास की योजना पर काम किया जा रहा है। जिसके लिए वनमण्डल अधिकारी बलौदाबाजार के आर बढ़ई को अवगत कराया जाएगा। 
 


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