बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 28 मार्च। नगर में इस बार होली को लेकर लोगों में उत्सुकता काफी कम नजर आ रही है। कोरोना के चलते शासन की सख्त गाइड-लाइन व जिले में धारा 144 लगने के साथ परंपरागत वाद्य यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंधता के चलते लोगों में होली त्योहार को लेकर कोई खासा उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है। व्यापार जगत भी इसे लेकर काफी निराश है।
होली का सामान बेचने वाले व्यापारियों की माने तो हर साल होली में शहर में 15 से 20 लाख का व्यापार होता था, लेकिन इस बार इसका एक चौथाई यानी चार से पांच लाख की भी बिक्री हो जाती है तो बड़ी बात है। डीजे, ध्वनि विस्तारक यंत्रों व परंपरागत वाद्य यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध के चलते नगाड़ा बेचने वालों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
जिला मुख्यालय में होली के बाजार में इस बार दो बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं। पहला, चीनी पिचकारियां, मुखौटे और दूसरे आइटम इस बार बाजार से गायब हो गए, क्योंकि किसी व्यापारी ने मंगवाए ही नहीं हैं। दूसरा अंतर यह है कि जिस गोलबाजार, सदर बाजार व अन्य जगहों में होली के सामान का बाजार एक माह पहले सजने लगता था, वहां त्योहार से एक हफ्ता पहले तक अस्थायी दुकानें नहीं खुल पाई थीं। शहर में होली के व्यापार में बाजार से चाइनीज पिचकारिया और फैंसी आइटम गायब हैं। इस बार पिचकारी की आवक और बिक्री 60 फीसद तक गिर गई है। पिचकारी के साथ ही रंग-गुलाल की बिक्री भी आधी हो गई है। होली के पूरे कारोबार में हर साल औसतन 7 से 10 लाख के सामान चाइनीज आइटम होते थे। 2021 में यह कारोबार घटकर न के बराबर हो गया है। पिछले साल कारोबारियों ने पुराना स्टाक भी खपाया था, लेकिन इस बार किसी भी कारोबारी के पास चाइना का स्टाक नहीं है।