बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 17 मार्च। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ 15-16 मार्च को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रहे।
कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान पर भारतीय स्टेट बैंक बलौदा बाजार ऑफिसर्स एसोसिएशन व अवॉर्ड स्टाफ एम्प्लाइज यूनियन बलौदाबाजार इकाई के सदस्य दो दिवसीय हड़ताल पर गए। वित्तीय वर्ष के अंतिम माह तथा त्योहारी माह में दो दिन बैंकों के बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
दो दिवसीय हड़ताल के संबंध में जिला संगठन सचिव मनोज साहू, डीएसएच इंचार्ज गुलशन बारला, स्थानीय अध्यक्ष गुलाब सोनी व स्थानीय सचिव सेमसन तिर्की ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी, उसी समय विरोध के स्वर प्रबल हो गए थे और हमने सांकेतिक प्रदर्शन भी किया था। हाल में हुई वार्ता के विफल होने पर हमें यह कदम उठाना पड़ा है।
उन्होंने बताया कि इस निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ बैंक यूनियंस के तहत नौ यूनियंस ने दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है, जिसमे देश भर के 10 लाख कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 4 साल में 14 बैंकों का विलय किया है। अभी देश में 12 सरकारी बैंक हैं जो इस निजीकरण के बाद मात्र 10 ही रह जाएंगे। इन्होंने कहा कि निजीकरण के नाम पर राष्ट्र की बहुमूल्य संपत्ति को नष्ट करना या बेचना सहन नहीं किया जाएगा। राष्ट्र विरोधी कदमों का विरोध करने आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का उद्देश्य जनता की सेवा करना है जबकि निजी क्षेत्र की बैंकों का उद्देश्य मुनाफा कमाना है। दो दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन सोमवार दोपहर भारतीय स्टेट बैंक की गार्डन चौक मुख्य शाखा के समक्ष नगर की शाखाओं सहित आसपास की शाखाओं के अधिकारी कर्मचारियों ने नारे लगाते हुए निजीकरण का विरोध किया।
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुरामन राजन ने भी इस निजीकरण का विरोध किया है तथा सरकार को आगाह किया है कि देश हित मे यह निर्णय उचित नहीं है।
इस अवसर पर अभय सिंह, हेमलता मीरे, गिरीश चंद्राकर, सुशारी पूर्ति, योगेश गोरे, टॉम अतुल, कुलजीत कौर, समीर मार्डी, मनोज साहू, गुलशन बारला, गुलाब सोनी, सेमसन तिर्की, आशीष कुजूर, शोभा बारला, पूनम बंसोड़, सुशील पात्रो, पुरषोत्तम लाल देवांगन, राजू लाल निषाद, धन्ना राम कठोत्रे, कमलेश मंडावी, बीआरबीसी, चांदनी बाई बेहरा, नवीन वासनिक और देवेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।