बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 18 नवंबर। जिले में धान खरीदी के दौरान चल रही सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल के बीच संगठन के भीतर नेतृत्व परिवर्तन किया गया है। सोमवार रात सिटी कोतवाली में हुए विवाद और दो पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद सहकारी समिति कर्मचारी संघ, जिला बलौदाबाजार ने जिलाध्यक्ष मनीराम कैवर्त को पद से हटाने की घोषणा की है। संघ ने इसे अनुशासनहीनता से जुड़ा मामला बताया है और नया अध्यक्ष चुने जाने की बात कही है।
जिला उपाध्यक्ष रामकुमार साहू ने मंगलवार सुबह जारी एक पत्र में कहा कि जिलाध्यक्ष मनीराम कैवर्त ने अधिकारियों के दबाव में आकर खाली कागज पर हस्ताक्षर किए थे। उनके अनुसार, यह कदम कोतवाली में बंद कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण वर्मा और सहसचिव रोहित यादव को बाहर निकालने के प्रयास में उठाया गया। साहू का कहना है कि कर्मचारियों ने इसे संगठन की सामूहिक सहमति के विपरीत माना और आपत्ति जताई।
नए अध्यक्ष का चुनाव महासमुंद में
संगठन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों की सहमति के अनुसार मनीराम कैवर्त को पद से हटाया जा रहा है। हड़ताल प्रदेश संगठन के बैनर तले जारी रहेगी। कर्मचारियों ने बताया कि नया जिला अध्यक्ष मंगलवार को संभाग स्तर की बैठक में महासमुंद में चुना जाएगा।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ, रायपुर ने भी एक पत्र जारी कर मनीराम कैवर्त को अनुशासनहीनता के आधार पर पद से हटाने की बात कही है। महासंघ ने जिला उपाध्यक्ष रामकुमार साहू को बलौदाबाजार जिला अध्यक्ष का प्रभार दिए जाने की घोषणा की है।
दो समिति प्रबंधकों की गिरफ्तारी
सोमवार शाम जिला प्रशासन ने दो सहकारी समिति प्रबंधकों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद समिति कर्मचारी, विक्रेता और प्रबंधन से जुड़े लोग सिटी कोतवाली पहुंच गए। देर रात तक प्रदर्शन और बातचीत होती रही। कर्मचारियों ने मांग की कि गिरफ्तार साथियों को रिहा किया जाए और कहा कि रिहाई के बिना हड़ताल समाप्त नहीं होगी।
कर्मचारियों के अनुसार, गिरफ्तार दोनों प्रबंधक कई दिनों से हड़ताल में शामिल थे।
सुहेला सोसायटी के प्रबंधक धनंजय बाघमार ने दावा किया कि प्रशासन की ओर से हड़ताल खत्म करने के लिए दबाव बनाया गया। उनका कहना है कि दो कर्मचारियों को अंदर लेकर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों पर आपदा प्रबंधन कानून (एस्मा) लागू नहीं होता, इसलिए कार्रवाई उचित नहीं है।
प्रशासन का कहना है कि धान खरीदी से जुड़ी सेवा बाधित होने और सरकारी कार्य में रुकावट पैदा होने पर कार्रवाई की गई। प्रशासन ने बताया कि इससे पहले भी जिले में 16 विक्रेता और प्रबंधक पर कार्रवाई की गई थी, जिनमें 13 की सेवा समाप्त की गई और तीन के खिलाफ एफआईआर का प्रस्ताव भेजा गया।
एसडीएम प्रकाश चंद्र कोरी ने कहा कि समिति प्रबंधकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की कुछ मांगों पर राज्य स्तर पर चर्चा चल रही है। उनके अनुसार, स्थानीय स्तर की कुछ समस्याएँ जैसे डीओ कटना, आरओ कटना तथा समय पर उठाव और परिवहन पर सहमति बनी है और कर्मचारियों ने मंगलवार से काम पर लौटने की बात लिखकर दी है।
उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी हड़ताल जारी रखने की बात कर रहे हैं, जबकि कई कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार हैं।
बातचीत जारी
धान खरीदी शुरू होने के साथ ही जिले में हड़ताल, प्रबंधकों की गिरफ्तारी और कार्रवाईयों के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। संगठन के भीतर नेतृत्व परिवर्तन के बाद हड़ताल की दिशा पर भी असर पड़ सकता है। प्रशासन और कर्मचारियों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन हड़ताल समाप्त होने पर स्पष्ट स्थिति अभी नहीं है।


