बलौदा बाजार
अल्ट्राटेक सीएसआर के सहयोग से 10 परिवारों को मिला आमदनी बढ़ाने का जरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 नवंबर। अल्ट्राटेक कुकरदी सीमेंट संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा इकाई प्रमुख पवन कुलकर्णी के दिशा निर्देश व एचआर प्रमुख प्रतीक भटनागर के मार्गदर्शन में आर्थिक आत्मनिर्भता बढ़ाने के लिए 10 जरूरत मंद परिवारों को सतत आजिविका विकास हेतु हाथ ठेला प्रदाय किया है।
ग्राम सेम्हराडीह में 4 हितग्राहियों को सरपंच प्रमिला जितेन्द्र वर्मा व पंचगण, ग्राम पिपराही में पिपराही से 1 व सरकीपार से 1 हितग्राही को सरपंच महेश्वरी राकेश वर्मा, उपसरपंच बिंदेश्वरी वर्मा व पंचगण, ग्राम ढनढऩी से सरपंच प्रतिनिधि रंजीत ध्रुव व उपसरपंच भूपेन्द्र साहू तथा पचगण व ग्राम कुकुरदी में 2 हितग्राहियों को सरपंच टिकेश्वर ध्रुव व पंचगण तथा सम्मानिय ग्रामीणों के उपस्थिति में प्रदान किया गया।
हाथ ठेला मिलने से अतिरिक्त श्रम से बचाव के साथ पूरे परिवार के लिए एक ऐसा संसाधन मिल गया जिसत्ते परिवार व्यवसाय कर अपनी आमदनी बढ़ा सके, साथ ही हाथ ठेला मेंटेनेस फ्री है। पर्यावरण के अनुकूल अनावश्यक श्रम से भी ठेला निजात दिलायेगा।
लाभार्थियों के चयन हेतु पंचायत के सहयोग से सर्वप्रथम जरूरतमन्द परिवारों को पहचान कर उनको प्रारमिक योजना की जानकारी प्रदान की गयी तथा उनके पूर्व कार्य के अनुभव के आधार पर उन्हें हाथ ठेला से कैसे व्यवसाय करना है उसका भी जानकारी दिया गया। परियोजना में जमीन पर बैठकर या टेबल आदि पर सामग्री बेचने वाले को प्राथमिकता दी गयी।
जिन परिवारों को हाथ ठेला दिया गया उनकी मासिक आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। और वे सब्जी, गोलगप्पे, फल आदि बेचने का कार्य करेंगे। यह हाथ ठेला एक नवीन आशा की किरणे की तरह उनके जीवन में प्रकाश फैलाएगा व इससे वो अपने परिवार का सम्मान के साथ पालन कर सकेगा।
इस अवसर पर हितग्राहियों में अत्यत हर्ष एवं उत्साह देखा गया साथ ही साथ उन्होंने अल्ट्राटेक प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। वही उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इसे एक स्वरोजगार के क्षेत्र में अनूठा पहल बताते हुये भविष्य में भी ऐसे जनहितैषी कार्य करने की अपील की तथा अल्ट्राटेक प्रबंधन को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम को सफलता पूवर्क संपन्न करने में भूमि एवं विधि विभाग से कार्तिकेश बघमार तथा सीएसआर प्रमुख राजेन्द कुशवाहा व दया वर्मा एवं एडमिन विभाग से समर यदु का विशेष योगदान रहा।


