बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 14 नवंबर। उत्तर प्रदेश के ऋगवेरपुर धाम, प्रयागराज में आयोजित 36वां राष्ट्रीय रामायण मेला में छत्तीसगढ़ी लोक रामायण की भव्य प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। छत्तीसगढ़ की ‘बनवासी राम’ लोक रामायण एवं भजनामृत कार्यक्रम को दर्शकों ने सराहा।
मानस मर्मज्ञ आचार्य पं. अशोक मिश्रा*ने संगीतमय मानस-गीत और प्रवचन प्रस्तुत किया। उनकी वाणी और प्रस्तुति को मंच पर विशेष सराहना मिली।
बेमेता-सिमगा के प्रख्यात भजन गायक इतवारी राम निषाद ने हारमोनियम वादन से वातावरण को भक्तिमय बनाया। संगीतकार महेश साहू, रामकृष्ण साहू और लोकेश साहू ने बाप-बेटे की जुगलबंदी में आर्गन, पैड और तबला पर शानदार ताल देकर लोगों को थिरकने को मजबूर कर दिया। साथ ही मनहरण ध्रुव, जीवराखन ध्रुव, दुर्गा प्रसाद निषाद और फनिष साहू ने कोरस गायन से कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया। दल का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय पाश्र्व गायक एवं साहित्यकार डॉ. ललित सिंह ठाकुर (ग्राम कड़ार, भाटापारा) ने किया। उन्होंने संगीतमय प्रस्तुति से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया और छत्तीसगढ़ी लोककला की गरिमा को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित किया।
स्थान का धार्मिक महत्व
ऋगवेरपुर धाम वह पवित्र स्थान माना जाता है जहाँ भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने गंगा पार की थी और भक्त केवट ने उनके चरण पखारे थे। यही वह क्षेत्र है जहाँ निषादराज गुह से भगवान राम का स्नेहपूर्ण मिलन हुआ था।
मान्यता है कि बनवास काल के दौरान श्रीराम ने यहां एक रात्रि विश्राम भी किया था, जिसके बाद वे प्रयागराज के त्रिवेणी संगम और श्रृंगवेरपुर होते हुए ऋषि भारद्वाज एवं महर्षि वाल्मीकि के आश्रम पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को मिला सम्मान
रामायण मेला में छत्तीसगढ़ी कलाकारों की प्रस्तुति ने न केवल दर्शकों का मन जीता, बल्कि प्रदेश की लोक रामायण परंपरा को राष्ट्रीय पहचान भी दिलाई।
डॉ. ललित सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मंच पर प्रदर्शन करना कलाकारों के लिए गौरवपूर्ण अवसर रहा।


