बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 नवंबर। सोनाखान वन परिक्षेत्र के झालपानी और पठियापाली बीट में पेड़ों की अवैध कटाई की शिकायत सामने आई है। इस क्षेत्र में सागौन, बीजा, साजा, हल्दू और अन्य इमारती पेड़ों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। वन विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में नियमित गश्त की जाती है, लेकिन कई स्थानों पर पेड़ों के ठूंठ देखे गए हैं। झालपानी और पठियापाली बीट के दौरे के दौरान विभिन्न स्थानों पर पेड़ों के ठूंठ मिले, जिन पर वन विभाग के निशान नहीं थे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई बार रात में ट्रैक्टर या पिकअप वाहन जंगल की ओर जाते हैं।
ग्राम के बुजुर्ग रामेश्वरम ने बताया, वनरक्षक और बीटगार्ड सिर्फ सडक़ किनारे तक गश्त करते हैं। जंगल के अंदर महीनों से कोई नहीं गया। असली कटाई अंदर होती है, जहां अधिकारी नहीं पहुंचते।
वन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि जंगल के अंदर हाथियों की आवाजाही के कारण गश्त में कठिनाई होती है। कर्मचारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से सोनाखान रेंज में हाथियों का एक दल घूम रहा है। इस पर सवाल उठाया गया है कि यदि हाथियों के कारण कर्मचारी अंदर नहीं जा रहे, तो तस्कर वहां तक कैसे पहुंच रहे हैं।
डीएफओ गणवीर धम्मशील ने बताया, कुछ क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई हुई है। इसे संज्ञान में लेते हुए एसडीओ को जांच के लिए अधिकृत किया गया है। यदि अवैध कटाई की पुष्टि होती है तो विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, हमारे सभी बीट और कंपार्टमेंट में निगरानी दल गश्ती कर रहे हैं। जहां भी अवैध कटाई या शिकार से संबंधित जानकारी मिलती है, वहां तुरंत कार्रवाई की जा रही है। रेंज अधिकारी को मौके पर जांच करने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
अन्य रेंजों पर भी निगरानी
सोनाखान रेंज की शिकायतों के बाद बलौदाबाजार वनमंडल के अन्य रेंजों — लाट, कसडोल, बलौदाबाजार, कोटमी और बारनवापारा — की गश्त व्यवस्था पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। डीएफओ ने सभी रेंज अधिकारियों से साप्ताहिक निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है।


