बलौदा बाजार
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 नवंबर। बलौदाबाजार जिले के ओमकार हॉस्पिटल के खिलाफ इलाज के नाम पर रुपए वसूलने और मरीज को रोकने की शिकायत सामने आई है। यह मामला बिलासपुर जिले के ग्राम बसंतपुर निवासी गोरेलाल पटेल द्वारा जिला कलेक्टर बलौदाबाजार को दिए गए आवेदन के माध्यम से सामने आया है।
शिकायत के बाद जिला कलेक्टर बलौदाबाजार ने मामले को संज्ञान में लिया है। कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग, एसडीएम और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं। संयुक्त टीम जांच में लगी है।
आवेदक गोरेलाल पटेल के अनुसार, उसका पुत्र शम्भू पटेल 2 नवम्बर की रात लगभग 8 से 9 बजे के बीच पनगांव बायपास के पास सडक़ दुर्घटना का शिकार हो गया। परिजन उसे जिला अस्पताल बलौदाबाजार लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद कर्मचारियों ने यह कहते हुए बाहर ले जाने की सलाह दी कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं।
इसी दौरान अस्पताल परिसर में खड़ी एक निजी एम्बुलेंस के चालक ने उन्हें ओमकार हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी और कहा कि वहाँ आयुष्मान कार्ड से बेहतर इलाज होता है। परिजन घायल को उसी एम्बुलेंस से ओमकार हॉस्पिटल ले गए।
आवेदक ने बताया कि अस्पताल में एक्स-रे कराया गया और मरीज को रातभर भर्ती रखा गया। अगले दिन डॉक्टरों ने बताया कि जबड़ा टूटा है और ऑपरेशन करना पड़ेगा, जिसकी लागत डेढ़ से दो लाख रुपए बताई गई। परिजन ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए डिस्चार्ज मांगा।
आवेदक के अनुसार, डॉक्टरों ने इस पर कहा —ये होटल का भजिया नहीं है कि तुम बोलोगे और हो जाएगा। तुम लोग अपनी मर्जी से आए हो, जाओगे हमारी मर्जी से।
आवेदक ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए और बाद में बाउंसरों के जरिए परिजनों को बाहर निकाल दिया। घायल शम्भू पटेल को ऑक्सीजन और पाइप लगाकर कमरे में रखा गया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन 80,000 की मांग कर रहा है और पैसे दिए बिना मरीज को छोडऩे से इनकार कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, ओमकार हॉस्पिटल के खिलाफ पहले भी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। प्रशासन ने तब तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है।
स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है कि— अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। आयुष्मान कार्ड के उपयोग की जांच हो। जिला अस्पताल के उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए जो इस मामले में शामिल हैं।
जिला प्रशासन ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


