बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 17 अक्टूबर। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पप्पू अली ने मीडिया से बात चित करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ की सभी फैक्ट्रियों में आग करेंट या फिर अन्य हादसों से लगातार श्रमिकों की जान जा रही है। अधिकतर मामलों में फैक्ट्री संचालकों की लापरवाही सामने आती है। फैक्ट्री में पहले भी कई बार सभी रसोई तो कभी सॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं हुई लेकिन नजर अंदाज करते रहे।
इसी तरह फैक्ट्रियों में बिल्डिंग नियम अनुसार नहीं बनी है फिर भी नक्शे पास हो जाते है। श्रम विभाग के पास श्रमिकों का पूरा रिकॉर्ड नहीं है। सेफ्टी एवं अग्निशमन डिपार्टमेंट सर्वें करते है और खामियों पर खामोश हो जाते है। हादसे होते है और मामले की जांच भी नहीं होती है। मजदूर के परिजनों से फैक्ट्री मालिक समझौता कर लेते है या फिर बिना ठोस कार्रवाई के फाइल बंद हो जाति है। पिछले 5 वर्षों में फैक्ट्री संचालकों की लापरवाही के चलते हर वर्ष औसतन कई मजदूरों की जान गई है। रायपुर जिले में करीब दो हजार के करीब उद्योग है। इनमे 25 हजार के करीब श्रमिक है। लेकिन बिना रिकॉर्ड के 70 हजार से अधिक श्रमिक भी है। इसके बावजूद विभिन्न रिहायशी व बाहरी क्षेत्रों में फैक्ट्रियां चल रही है। जिला प्रशासन के पास न तो सभी फैक्ट्रियों का ही रजिस्ट्रेशन है और न ही पुरी तरह मजदूरों के कार्ड बने हुए है। फैक्ट्री संचालकों को नियम पूरे करने के लिए प्रशासन की तरफ से कभी कोई सख्ताई नहीं की जाती है।
सिमगा ब्लॉक के निमार्णाधीन फैक्ट्रियों में लगतार मजदूर हादसे के शिकार हो रहे है उसके लिए शासन प्रशासन की तरफ से कोई उचित कार्रवाई नहीं होती है। इसी के चलते फैक्ट्री संचालकों के हौसले बुलंद होते जा रहे है।